चीन के दबाव में भारत को इस देश ने दिया ये बड़ा झटका, हथियार लेकर…

हिंदुस्तान की कठिनाई की कई वजहें हैं. एक तो इस निर्णय से अफगानिस्तान के रास्ते मध्य एशियाई राष्ट्रों तक कारोबार करने की हिंदुस्तान की रणनीति को गहरा धक्का लगा है.

 

दूसरा, ईरान ने इशारा दिए हैं कि समूचे चाबहार सेक्टर में चाइना की कंपनियों को बड़ी सहभागिता दी जा सकती है, जबकि चाबहार प्रोजेक्ट को हिंदुस्तान में चाइना पाक के सीपीईसी प्रोजेक्ट का जवाब माना जाता है.

सूत्रों का बोलना है कि हिंदुस्तान के लिए दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं, लेकिन चाइना व ईरान की जुगलबंदी हिंदुस्तान के लिए कठिनाई की वजह जरूर हो सकती है. हिंदुस्तान ईरान से समझौते का कोशिश जरूर करेगा.

व इससे बाहर होना हिंदुस्तान के लिए बड़ा झटका है. दरअसल, अमेरिका से हिंदुस्तान की नजदीकी व ईरान से ऑयल न खरीदने के दबाव का लाभ चाइना ने उठाने की प्रयास की है.

चीन के राष्ट्रपति ने पिछले दिनों ईरान के राष्ट्रपति से चाबहार प्रोजेक्ट को लेकर बात की थी. चाइना ने ईरान से वादा किया है कि वह उसका पूरा ऑयल खरीद सकता है.

उसने ईरान को हथियार देने का भी वायदा किया है. दावा किया जा रहा है कि हिंदुस्तान ने परियोजना के लिए फंड देने में देरी की. इसलिए ईरान इस प्रोजेक्ट को अकेले ही पूरा करेगा.

चीन के दबाव में ईरान ने चाबहार रेल परियोजना से हिंदुस्तान को बाहर कर दिया है. चाबहार से जाहेदान तक की जरूरी रेल परियोजना हिंदुस्तान के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है