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शतरंज के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी आनंद का आज जन्मदिन, पांच बार के चैंपियन रह चुके

हमारी सीरीज ‘इस तिथि को जन्में’ चैंपियन के तहत मुझे एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है, जिन्हें शतरंज के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी होने का दर्जा प्राप्त है। यह कोई और नहीं पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद हैं। आनंद का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को सुशीला विश्वनाथन और कृष्णामूर्ति विश्वनाथन के यहां तमिलनाडु के माइलादुथुराई में हुआ था। आनंद ने शतरंज अपनी मां से सीखा, लेकिन छोटी उम्र में ही उन्होंने इस खेल की जटिल बारीकियां खुद सीखना शुरू कर दीं। वह मद्रास (अब चेन्नई) के ताल चेस क्लब में रोजाना जाया करते थे, इससे उनमें तेजी से सुधार आया।

फरवरी, 1984 में महज 14 वर्ष की उम्र में वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे, जिससे उन्होंने भारतीय टीम में जगह बनाई। तीन माह बाद ही अप्रैल, 1984 में आनंद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ते हुए विश्व सबजूनियर चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया। उस दौरान राष्ट्रीय चैंपियन होने के नाते, मैं इस टूर्नामेंट में उनके साथ बतौर कोच गया था। मुझे अच्छी तरह याद है, सोवियत टीम के प्रशिक्षक एलेक्सेई सुएतिन और नोना गैपरिंडेशविली, इतनी कम उम्र में आनंद के चातुर्यपूर्ण फैसलों और पोजीशनों से हैरान थे। 1985 की लायड बैंक मास्टर्स चेस चैंपियनशिप में आनंद ने ग्रैंडमास्टर जोनाथन मेस्टेल पर हैरतअंगेज जीत दर्ज की। आनंद ने उन्हें हराने में सिर्फ 10 मिनट लिए, जबकि मेस्टेल ने दो घंटे 29 मिनट का समय लिया। इसके बाद बीबीसी ने उन्हें द लाइटनिंग किड का नाम दिया।

1987 में आनंद एशिया के पहले चेस विश्व चैंपियन बने, जब उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप जीती। इसी वर्ष वह भारत के पहले ग्रैंड मास्टर बने। इसके बाद आनंद की प्रगति इतनी तेज थी कि उनकी तुलना महान कार्पोव और कास्परोव से ही की जा सकती थी। 1990 में उन्होंने कैंडिडेट्स मुकाबलों के लिए क्वालिफाई किया। पहले ही मैच में एलेक्सी ड्रीव को हराने के बाद वह विश्व नंबर-5 बन गए और इस स्थान तक वह 2016 तक बने रहे।

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