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चीन से मुकाबले के लिए रूस के साथ अरबों के रक्षा सौदे कर सकता है भारत, इस रडार की खरीद हो सकती है खास

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का रूस दौरा जारी है। उन्होंने एक दिन पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और दोनों देशों की दोस्ती को सबसे गहरे महासागर से भी गहरा करार दिया। बताया जा रहा है कि इस बीच दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा समझौतों को लेकर चर्चाएं अंतिम चरणों में है। पड़ोसी चीन के खतरे को देखते हुए भारत ने रूस से कई अहम हथियार और सुरक्षा प्रणाली खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। ऐसे में वह करीब 4 अरब डॉलर के साजो-सामान की खरीद का मन बना चुका है।

बताया गया है कि इस समझौते में जिन हथियार प्रणालियों पर बातचीत चल रही है, उनमें सबसे अहम वोरोनेझ रडार सिस्टम की शृंखला है, जिसे रूस की अल्माज-एंटेय कॉरपोरेशन की तरफ से बनाया जाता है। यह कंपनी एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और रडार बनाने में विशेषज्ञ मानी जाती है।

वोरोनेझ रडार लंबी दूरी तक खतरे की पहचान करने वाला रडार सिस्टम है। इसकी रेंज 8,000 किलोमीटर तक है। इसके जरिए बैलिस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट्स और अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) जैसे खतरों की भी आसानी से पहचान और ट्रैकिंग की जा सकती है। अगर भारत इस एडवांस रडार सिस्टम को हासिल कर लेता है तो वह चीन, दक्षिण, मध्य एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र से आने वाले खतरों का भी आसानी से पता लगाने के बाद उन्हें रोक सकता है।

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