पांच सौ साल पुराना है फूलमती माता का ये मंदिर, चरणों के जल से दूर होती हैं आंखों की बीमारियां
शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के मोती चौक क्षेत्र में स्थित मां फूलमती का मंदिर अपनी अलग ही मान्यता रखता है। मान्यता है कि इस मंदिर में मां फूलमती के चरणों से निकलने वाला जल लगाने से आंखों से संबंधी बीमारियां व चर्म रोग सही हो जाता है। मंदिर पर हर माह की अमावस्या पर मेला लगता है, जिसमें आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं।
मंदिर के पुजारी चंदनगिरी गोस्वामी बताते हैं कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है। उनके पूर्वज पंडित सुखलाल को देवी मां ने प्रसन्न होकर दर्शन दिए थे। इसके बाद कन्नौज स्थित फूलमती माता के मंदिर से माता के चरण (कन्नौज के फूलमती माता मंदिर की एक ईंट) को सुखलाल अपने सिर पर रखकर लेकर आए और यहां स्थापित कर दिए। तब से यहां स्थापित माता के चरणों के दर्शन करने को दूर-दूर से भक्त आते हैं।
पं. सुखलाल के बाद लगातार उनकी नौंवी पीढ़ी मंदिर की देखरेख कर रही है। मंदिर परिसर में ही भगवान चौकसी नाथ का मंदिर है। इस मंदिर में दो जुड़वा शिवलिंग स्थापित हैं। यहां खास बात यह है कि यह दोनों शिवलिंग दिनभर में कई बार रंग बदलते हैं। यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाओं को भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं।
माता फूलमती के बारे में कुछ और बातें
- माता फूलमती, कन्नौज के राजा जयचंद की कुलदेवी थीं।
- माता फूलमती, कन्नौज के सबसे बड़े सिद्ध पीठों में से एक में विराजमान हैं।
- यह मंदिर त्रेता युग का माना जाता है।
- माता फूलमती की मूर्ति स्वयंभू है।