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संसद से बैंकिंग कानून में संशोधन विधेयक को मंजूरी, एनपीए का मुद्दा उछला तो मंत्री ने दिया यह जवाब

संसद ने बैंकिंग कानून में संशोधन विधेयक को दी मंजूरी दे दी है। दूसरी ओर, विपक्ष ने सरकार पर जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के कर्ज माफ करने और बैंकों पर एनपीए का बोझ डालने का आरोप लगाया है।

राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों का करोड़ों रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जो देश छोड़कर भाग गये हैं और बैंकों को गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बोझ तले दबा दिया है। इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, “जानबूझकर बैंक ऋण न चुकाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। हम चुप नहीं बैठे हैं।”

उच्च सदन में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेते हुए, कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने 2024 तक 50 विलफुल डिफाल्टर्स का 87,000 करोड़ रुपये का बकाया माफ कर दिया है।

उन्होंने कहा, “मेहुल चोकसी और ऋषि अग्रवाल समेत कई लोग जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की सूची में हैं। सरकार ने उन लोगों का कर्ज माफ कर दिया है जिन्होंने इस देश को लूटा और विदेश भाग गए। लेकिन जब गरीब, छोटे व्यापारी और किसान कर्ज नहीं चुकाते तो सरकार उनकी संपत्ति नीलाम कर देती है।”

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