शिवसेना के इस नेता ने बोला अग्निपथ का डायलाग, कहा अमिताभ बच्चन का फैन

शिवसेना के बीमार चल रहे नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में हाल तक अपने सियासी प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस पार्टी  राकांपा के साथ सरकार गठन के उनकी पार्टी के प्रयासों के मद्देनजर कठिन राह का इशारा देते हुए बुधवार को तीन बार ‘अग्निपथ शब्द ट्वीट किया. उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, ”अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

‘अग्निपथ प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता है. यह 1990 के दशक में आयी हिंदी ब्लॉकबास्टर फिल्म का टाइटल भी है जिसमें अमिताभ बच्चन ने कार्य किया था. फिल्म में दिखाया गया था कि नायक न्याय की खातिर कई मुश्किलों का सामना करता है. राज्यसभा मेम्बर  शिवसेना प्रवक्ता राउत (57) महाराष्ट्र में मौजूदा सियासी स्थिति पर यहां अस्पताल से ट्वीट कर रहे हैं. उनकी सोमवार को एंजियोप्लास्टी हुई थी.

सरकार गठन की कोशिशों के तौर पर हिंदुत्व विचारधारा का समर्थन करने वाली शिवसेना, कांग्रेस पार्टी तथा राकांपा के साथ सरकार बनाने की प्रयास कर रही है. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में उसने इन पार्टियों के विरूद्ध चुनाव लड़ा था. महाराष्ट्र में सियासी गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में बोला था कि वर्तमान परिस्थिति में प्रदेश में स्थिर सरकार के गठन के तमाम प्रयासों के बावजूद यह असंभव प्रतीत होता है.

गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. वहीं राकांपा ने 54  कांग्रेस पार्टी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की. सत्ता में साझेदारी को लेकर भाजपा-शिवसेना में मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए  शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया.

विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सोमवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार कर दिया. उसके बाद गवर्नर ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को दावा पेश करने का न्योता दिया. शिवसेना ने हालांकि गवर्नर से मिलकर दावा किया कि उसे कांग्रेस पार्टी  राकांपा का सैद्धांतिक समर्थन मिल चुका है लेकिन वह दोनों दलों का समर्थन लेटर पेश करने में नाकाम रही. शिवसेना ने गवर्नर से ऐसा करने के लिए तीन दिन का वक्त मांगा लेकिन उसका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया.