भारत के साथ मिलकर अमेरिका ने बनाया ये नया प्लान, कहा चीन को…

अमेरिका-चीन के बीच जारी व्यापारिक व राजनयिक तनाव के बीच एक बड़ी समाचार है। चाइना इस वर्ष के आखिर तक यूरोपीय संघ के साथ निवेश समझौते को लागू कर सकता है.

 

जिसके लिए जारी वार्ता अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। दोनों तरफ के जानकार इस मुद्दे में लंबे समय से सौदेबाजी कर रहे थे, जो इस वर्ष के अंत तक अंजाम तक पहुंच जाएगी।

उन्होंने कहा कि दोनों देश व्यापार उदारीकरण के कुछ आयामों सहित एक व्यापक आर्थिक संबंध की तलाश में हैं. वे सुरक्षा क्षेत्र में भी मिलकर काम कर रहे हैं.

बेगुन ने कहा, ‘इसलिए, कई मायनों में, कई आयामों में, अमेरिका-भारत संबंध इसके लिए योगदान दे रहे हैं. आप इसे भारतीय अमेरिकी नेताओं के बीच व्यक्तिगत बातचीत में भी देख सकते हैं.’

इस सम्मेलन का आयोजन ‘यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनर्शिप फोरम’ ने किया था. बेगुन ने कहा, ‘इसे सफल बनाने के लिए हमें क्षेत्र में सभी पैमानों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा.

इसमें अर्थशास्त्र , सुरक्षा सहयोग शामिल है यह भारत को रणनीति के केन्द्र में रखे बिना यह संभव नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘ इसलिए, मुझे लगता है कि अमेरिका की रणनीति, भारत के साथ चले बिना सफल नहीं हो सकती.’

अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि अमेरिका को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अपनी रणनीति की सफलता के लिए भारत के साथ की आवश्यकता है.

भारत अमेरिकी नेतृत्व के तीसरे शिखर सम्मेलन में ‘यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक फोरम’ पर उप विदेश मंत्री स्टीफन बेगुन ने कहा कि नई हिंद-प्रशांत रणनीति, आधुनिक दुनिया की वास्तविकताओं को दर्शाती है, लोकतंत्रों, मुक्त बाजारों उन मूल्यों पर केन्द्रित है जो भारत उसके लोग अमेरिका तथा उसके लोगों के साथ साझा करते हैं.