इस देश ने बनाई कोरोना वैक्सीन, चूहों पर हो रही असरदार, पूरी तरह…

जे एंडजे के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टॉफेल्स ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि टीके का फेज 3 ट्रायल इसी महीने शुरू करने की योजना है। स्टडी के अनुसार, जिन चूहों को वैक्सीन दी गई, उनमें किसी तरह की गंभीर क्लिनिकल बीमारी नहीं पाई गई।

यहां बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस की 34 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स से गुजर रही हैं। इनमें से आठ फाइनल स्टेज में हैं, जिनमें इंसानों पर उनका ट्रायल हो रहा है।

नोवावैक्स का कहना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन एनवीएक्स-कोव 2373 पूरी तरह स्टेबल है। कंपनी के मुताबिक, टीके को लिक्विड फॉर्म्युलेशन में 2 डिग्री से 8 डिग्री तापमान के बीच रखा जा सकता है। इससे पहले से मौजूद इन्फ्रास्ट्रक्चर में ही कोल्ड चेन मैनेजमेंट आसानी से हो सकता है।

जॉनसन एंड जॉनसन ने एक बयान में कहा है कि उसकी कोरोना वैक्सीन सीरियाई चूहों के एक ग्रुप में गंभीर बीमारी रोकने में सफल रही है। कंपनी ने कहा कि जिन चूहों को टीका दिया गया, उनमें ऐंटीबॉडीज डेवलप हुईं। उनका वजन भी टीका न पाने वाले चूहों के मुकाबले कम घटा।

ज्यादातर लोगों को टीके से किसी तरह का रिएक्शन नहीं हुआ। एक को थोड़ा सा बुखार था जो दूसरी डोज मिलने के एक दिन बाद तक रहा। स्टडी के अनुसार, जिन लोगों को बूस्टर वाली दो डोज दी गई थीं, उनमें कोविड से रिकवर हो चुके मरीजों के मुकाबले 4 से 6 गुना ज्यादा ऐंटीबॉडीज बनीं।

बूस्टर डोज से सीडी4+ टी सेल रेस्पांस भी देखने को मिला। टी सेल्स वे इम्युन सेल्स होती हैं जो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं।

कोरोना वैक्सीन एड26 जानवरों पर असरदार साबित हुई है। एनवीएक्स-कोव 2373 टीके का फेज 1/2 ट्रायल 131 स्वस्थ लोगों पर हुआ। रिसर्चर्स ने 18 से 59 साल के व्यक्तियों को डोज दी।

83 वालंटियर्स को बूस्टर डोज मिली, 25 को नॉर्मल डोज दी गई जबकि 23 को प्लेसीबो दिया गया। 21 दिन बार सभी को दूसरी डोज दी गई। एक स्टडी के अनुसार, रिसर्चर्स ने 35वें दिन प्राइमरी एनालिसिस किया। अधिकतर पार्टिसिपेंट्स में बेहद हल्का नकरात्मक असर पड़ा।