फिर एक बार लिबरल पार्टी से जस्टिन ट्रूडो पीएम पद की दौड़ में, पंजाब के लोगों की पड़ी सीधी नजर

कनाडा में 21 अक्तूबर को होने वाले आम चुनाव पर पंजाब के लोगों की सीधी नजर है. एक बार फिर लिबरल पार्टी से जस्टिन ट्रूडो पीएम पद की दौड़ में है. 2015 में जस्टिन ट्रूडो के पीएम बनने के बाद पहले वर्ष 80 हजार विद्यार्थियों को स्टूडेंट वीजा दिया गया था. जो बढ़ते बढ़ते 2019 तक प्रति साल डेढ़ लाख तक पहुंच चुका है. लिबरल पार्टी को हमेशा इमीग्रेंटस के लिए नरम रवैया रखने वाला माना जाता है. इस समय पंजाब के ज्यादातर विद्यार्थी पढ़ने के लिए कनाडा का रुख कर रहे हैं.

कनाडा चुनाव में मुख्य मुकाबला लिबरल पार्टी  कंजरवेटिव पार्टी के बीच है. कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में आने के बाद वीजा के प्रति कठोर नियम लागू करती है. 2006 से 2015 के दौरान सत्ता में रही कंजरवेटिव पार्टी ने अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों सहित अन्य वीजा नियमों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. सितंबर 2015 में कंजरवेटिव पार्टी के स्टीपन हार्पर को हरा कर जस्टिन ट्रूडो पीएम बने थे. उनकी जीत में पंजाबियों का अहम भूमिका माना जाता है.

ओपिनियन पोल में ट्रूडो ने बनाई बढ़त

अगस्त के दौरान हुए ओपिनियन पोल में कंजरवेटिव पार्टी के एंड्रयू शीयर आगे चल रहे थे. वहीं सितंबर के दौरान हुए ओपिनियन पोल में जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर 37 फीसदी के साथ बढ़त बना ली है. 10 फीसदी वोट शेयर के साथ न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के जगमीत सिंह तीसरे नंबर पर चल रहे है. हालांकि ग्रीन पार्टी की एलिजाबेथ  पीपीसी मैक्सिम बर्निये भी इस दौड़ में हैं.
ट्रूडो हैं पहली पसंद
नयी आबादी अकालगढ़ गांव निवासी रमेश जैन ने बताया कि उनका बेटा हाल ही में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा गया है. कंजरवेटिव पार्टी की जीत हुई तो उन्हें अपने बेटे से मिलने के लिए वीजा लेने में भारी कठिनाई आ सकती है.

वहीं अपनी बेटी को भी कनाडा भेजने की तैयारी कर रहे हैं. कंजरवेटिव पार्टी आने से स्टूडेंट वीजा मिलना कठिन होने कि सम्भावना है. स्टार आइलेट्स मालिक अमरिंदर सिंह लक्की कहते है कि अगर जस्टिन ट्रूडो यह चुनाव हारते है, तो पंजाबियों के लिए बड़ी कठिन हो सकती है.

कंजरवेटिव पार्टी इमीग्रेशन नियमों को इतना कठोर करेगी कि वीजा लेना कठिन होने कि सम्भावना है. एसआईईसी ब्रांच मैनेजर भूपिंदर सिंह कहते हैं कि अगर कंजरवेटिव पार्टी जीती तो वीजा  पीआर नियम कठोर हो जाएंगे. हालांकि स्टूडेंट वीजा पर कुछ शक है, क्योंकि इस समय कनाडा में एजुकेशन एक बहुत बड़ा कारोबार बन चुका है.