बैठने का गलत तरीका आपकी पीठ को पहुंचा सकता है यह नुकसान

आजकल पीठ में दर्द की मुख्य वजह बैठने का गलत उपाय व आरामदेह जीवनशैली है. 2003 में उत्तर हिंदुस्तान के 11,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक उनमें से 23 फीसदी लोग पीठ के निचले हिस्से में दर्द से परेशान थे.

हिंदू बिजनेस औनलाइन की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय आबादी के 20 प्रतिशत लोग, जो पीठ में दर्द से परेशान हैं-ज्यादा आयु के नहीं बल्कि 16 से 34 साल आयु वर्ग के हैं.

जिंदगी जितनी ज्यादा अस्त-व्यस्त होती जा रही है, ज्यादा से ज्यादा लोग सुकुन पाने के लिए पुराने ऋषियों की दी गई सीख को अपनाते जा रहे हैं. यहां बात हो रही है योगा की.

एक ऐसा वर्कआउट जिसे अधिकतर लोग बिना किसी ज्यादा परेशानी के कर सकते हैं. वैसे यह सलाह तो महत्वपूर्ण है कि योगा का एक्सरसाइज किसी प्रशिक्षित गुरू के मार्गदर्शन में ही करें.

खासतौर पर जब आप इसे पहली बार करने जा रहे हैं. अगर आपकी पीठ में चोट है या दर्द है तो बेहतर होगा कि आप पहले चिकित्सक से सलाह ले लें कि किस तरह के आसनों से आपको बचना है. वक्त गुजरने के साथ योगा का वक्त व सक्रियता को बढ़ाइए ताकि आपको इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.

आपको एक बेहद मजबूत पीठ देने के लिए योग की यह नौ मुद्राएं हैं-

नाग मुद्रा (कोबरा पोज)-

योगा की चटाई पर पेट के बल लेट जाइए.
अपनी हथेलियों को जमीन पर अपने कंधों के अच्छा पास रखें.
अपनी बांहों के सहारे से अपने सीने को ऊपर उठाइए. इस वक्त आपके कूल्हे जमीन पर ही होने चाहिए.
सांस लीजिए. ऊपर देखिए व अपनी पीठ के ऊपरी हिस्से में खिंचाव को महसूस कीजिए.
इस मुद्रा में 15-30 सैकंड रहिए.
-शुरूआती स्थिति में लौट आइए.
इस समूची प्रक्रिया को तीन से पांच बार दोहराइए.

बिल्ली जैसी मुद्रा (कैट पोज)-
हाथ-पांव जमीन पर टेक दीजिए. आपके हाथ आपके कंधे के नीचे होने चाहिए व आपके घुटने अच्छा कूल्हों के नीचे.
सांस छोड़िए. अपनी रीढ़ की हड्डी को मोड़कर ऊपर की ओर उठाने की प्रयास कीजिए. अच्छा बिल्ली की तरह.
इस स्थिति में 20-25 सैकंड रहिए.
सांस छोड़कर मूल स्थिति में लौट आइए.
इस समूची प्रक्रिया को पांच बार दोहराइए.

गौमुद्रा (काऊ पोज)
हाथ-पांव जमीन पर टेक दीजिए.
सांस लीजिए. पीठ को मोड़िए ताकि वह एक कुंड या द्रोणिका (ट्रफ) की तरह हो जाए.