रामजन्मभूमि विवाद के समाधान के बाद लौटीं खुशियों की लहरें अब बहुरेंगे अयोध्‍या के दिन, लोगों को मिलेगा रोजगार

रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम फैसले के बाद आज जब अयोध्या ने आंखें खोलीं ली तो हवा में खुशनुमा अहसास था। किसी भी अनहोनी से उलट लोगों में भाईचारा दिखा और सरयू तट पर एक अलग सी गर्मजोशी। सरयू किनारे हमेशा की तरह लोगों ने स्नान किया और मंदिरों में पूजा करते दिखे। स्‍थानीय लोगों को उम्‍मीद है कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद के समाधान के बाद अब अयोध्‍या के दिन बहुरेंगे।

भारतीय राजनीति की दशा और दिशा को बदल देने वाले राम मंदिर मामले पर करीब 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई और 40 दिन तक मैराथन सुनवाई के बाद शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्‍या में राम मंदिर का रास्‍ता साफ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद रविवार को राम मंदिर वाली सुबह ने अयोध्‍यावासियों का स्‍वागत किया। घाटों पर काफी चहल-पहल दिखी।

वर्षों से चले आ रहे सपने के साकार होने के बाद अयोध्‍या में सुबह लोगों में उत्‍साह साफ नजर आया। सरयू नदी के तट पर बड़ी संख्‍या में लोग आम दिनों की तरह से ही स्‍नान और पूजा करते नजर आए। स्‍थानीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्‍वागत किया है और अब बस उनकी यही इच्‍छा है कि अमन-चैन कायम रहे और दोनों समुदायों के लोग शांति के साथ रहें। उनका कहना था कि इस फैसले के बाद अब अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर का निर्माण होगा और इस शहर में विकास की गंगा बहेगी। लोगों को रोजगार मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विवादित जमीन पर ही राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवाद वाली जमीन पर ही राम मंदिर का निर्माण होगा। केंद्र को आदेश दिया कि उस जगह मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाए और विवादित जमीन को इस ट्रस्ट को सौंपने की योजना भी तैयार करे। मंदिर निर्माण कैसे होगा, यह बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज तय करेंगे। हालांकि मंदिर की यह जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर के कब्जे में ही रहेगी।