‘पानीपत की तीसरी लड़ाई मराठाओं की हार नहीं, बल्कि वीरता की प्रतीक’, विधानसभा में बोले फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में पानीपत की तीसरी युद्ध का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पानीपत का तीसरा युद्ध मराठाओं की हार का नहीं, बल्कि उनकी बहादुरी का प्रतीक थी। यह बयान उन्होंने विपक्ष के अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए दिया।
आगरा और पानीपत में स्मारक बनाने की योजना
राज्य विधानसभा में सीएम फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही पानीपत में भी एक स्मारक बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। बता दें कि पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली और माराठाओं के बीच लड़ी गई थी, जिसमें माराठाओं को हार का सामना करना पड़ा था।
फडणवीस ने दिया विपक्षी विधायक का जवाब
सीएम फडणवीस के द्वारा पानीपत में स्मारक बनाने की बात पर विपक्षी एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सवाल उठाया कि पानीपत में स्मारक क्यों बनाया जा रहा है, जहां माराठाओं को हार मिली थी। आव्हाड का कहना था कि पानीपत हार का प्रतीक बनकर याद दिलाएगा। इस बात पर फडणवीस ने विरोध किया। साथ ही कहा कि पानीपत की लड़ाई माराठाओं की बहादुरी और वीरता को दर्शाती है न कि हार को।
पानीपत की लड़ाई माराठाओं के साहस का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पानीपत की लड़ाई माराठाओं के साहस और संघर्ष का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली को अब्दाली से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने बताया कि जब अब्दाली ने दिल्ली पर विजय प्राप्त की, तो मराठों ने उसे हराया और उसे यमुना नदी के पार भागने पर मजबूर किया। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि अब्दाली ने माराठाओं से युद्धविराम की मांग की थी, लेकिन माराठाओं ने उसे एक इंच भी जमीन देने से इंकार कर दिया और लड़ाई लड़ी ताकि पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान भारत का हिस्सा बने रहें।