सूर्यभेदी प्राणायाम करने से शरीर का तापमान रहता है संतुलित

बदलते मौसम में हर किसी को बुखार या हरारत महसूस होती है. इसका एक कारण शरीर के प्राकृतिक तापमान में गड़बड़ी होना भी है. इसके लिए आप सूर्यभेदी प्राणायाम कर सकते हैं यह शरीर का तापमान संतुलित करने के साथ ही रक्त को साफ करता है. पाचन सुधारने के साथ यह बढ़ती आयु का असर भी कम करता है.

कैसे करें ( How To Do Suryabhedi Pranayam )
किसी भी मुद्रा (पद्मासन, सुखासन और वज्रासन) में बैठकर सबसे पहले शांत वातावरण को महसूस करें. अब नाक के दाएं नथुने से सांस भरकर इसे दाएं हाथ के अंगूठे से बंद करें. कुछ समय बाद बाएं नथुने से सांस बाहर छोड़ें ( Right Nostril Breathing ). फिर बाएं नथुने को हाथ की अनामिका  कनिष्ठा अंगुली से बंद करें  प्रक्रिया दोहराएं. इस दौरान ली गई हवा को फेफड़ों तक महसूस करें.

लाभ ( Suryabhedi Pranayam Benefits )
– नियमित एक्सरसाइज से आयु में बढ़ोतरी होती है.
– स्कीन की रंगत बढ़ती है.
– पाचन तंत्र मजबूत बनता है .
– शरीर में गर्मी बढती है जिससे वात एवं कफ का नाश होता है , एवं सर्दी – जुकाम , श्वास रोग आदि रोगों में फायदा मिलता है.
– चेहरे की झुर्रियां मिटती है एवं चेहरा कांतिमय बनता है.
– निम्न-रक्तचाप एवं मधुमेह में फायदा देता है .

ध्यान रखें : हाईबीपी के मरीज गर्मी के मौसम में इस प्राणायाम को ज्यादा न करें.