मुस्लिमों को लेकर शिवसेना ने किया बड़ा खुलासा, कहा युद्ध छेड़ने का कार्य तो…

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर शिवसेना ने केन्द्र सवाल पर हमला बोला. शिवसेना से सामना के जरिए सवाल उठाया कि क्या हिंदू गैरकानूनी शरणार्थियों की चुनिंदा स्वीकृति देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का कार्य नहीं करेगी. पार्टी ने केन्द्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का अदृश्य विभाजन करने का आरोप भी लगाया.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी बोला कि विधेयक की आड़ में वोट बैंक की पॉलिटिक्स करना देश के हित में नहीं है. सामना के संपादकीय में विधेयक के समय पर सवाल उठाते हुए बोला कि भारत में अभी दिक्कतों की कमी नहीं है लेकिन फिर भी हम कैब जैसी नई परेशानियों को बुलावा दे रहे हैं. ऐसा लगता है कि केन्द्र ने विधेयक को लेकर हिंदुओं  मुस्लिमों का अदृश्य विभाजन किया है.

साथ ही शिवसेना ने पीएम नरेंद्र मोदी से कुछ पड़ोसी राष्ट्रों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की अपील की. शिवसेना ने सवाल किया कि यह हकीकत है कि हिंदुओं के लिए भारत के अतिरिक्त कोई दूसरा देश नहीं है, लेकिन गैरकानूनी शरणार्थियों में से केवल हिंदुओं को स्वीकार करके देश में एक गृह युद्ध नहीं छिड़ जाएगा?

उसने बोला कि अगर कोई नागरिकता संशोधन विधेयक की आड़ में वोट बैंक की पॉलिटिक्स करने की प्रयास करता है तो यह देश के हित में नहीं है. पाक की तरह पीएम नरेंद्र मोदी को अन्य पड़ोसी राष्ट्रों को भी कड़ा सबक सिखाना चाहिए जो हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी  जैन समुदायों पर अत्याचार करते हैं.

कश्मीरी पंडितों को लेकर केन्द्र से पूछा सवाल
शिवसेना ने बोला कि पीएम ने पहले ही दिखाया है कि कुछ चीजें मुमकिन हैं. उसने जम्मू और कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास न किए जाने का लेकर भी बीजेपी पर तीखा हमला किया.

पार्टी ने बोला कि यह स्पष्ट नहीं है कि वे (पंडित) अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी जम्मू और कश्मीर जाएंगे या नहीं. क्या केन्द्र जम्मू और कश्मीर में पड़ोसी राष्ट्रों के गैरकानूनी शरणार्थियों को फिर से बसाएगा क्योंकि अब वह आधिकारिक रूप से देश के शेष हिस्से से जुड़ा हुआ है?