मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश होने में अब 10 दिन से भी कम का समय बचा है. इस बजट से हर वर्ग के लोगों को उम्मीद है. चूंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद एक महिला हैं इसलिए देश की महिला वर्ग को उनसे ज्यादा उम्मीदें हैं. महिलाएं चाहती हैं कि किचन का सामान सस्ता हो जाए ताकि घर का आर्थिक बजट न बिगड़े.
महंगाई ने बिगाड़ा बजट
दरअसल, बीते कुछ महीनों में महंगाई अपने चरम पर है. आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई है, जबकि नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.54 फीसदी थी. जुलाई 2016 के बाद दिसंबर 2019 पहला महीना है जब महंगाई दर रिजर्व बैंक की सुविधाजनक सीमा (2-6 फीसदी) को पार कर गया है. इस वजह से सब्जियों से लेकर रोजमर्रा की चीजें तक महंगी हो गई हैं और महिलाओं के लिए घर के बजट को काबू में रख पाना मुश्किल होता जा रहा है.
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इसके अलावा महिलाएं सुरक्षा, सशक्तिकरण और शिक्षा पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की उम्मीद कर रही हैं. इसके अलावा इस वर्ग को टैक्स स्लैब, म्यूचुअल फंड्स, बीमा और लोन की ब्याज में छूट की उम्मीद है.
बीते साल क्या था हाल?
बीते 5 जुलाई 2019 को पेश हुए आम बजट की बात करें तो इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट था. इस बजट में महिलाओं के स्व-सहायता समूह (एसएचजी) पर खास फोकस रहा. इस बजट में कहा गया कि महिला स्व-सहायता समूहों के लिए ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम का सभी जिलों में विस्तार किया जाएगा.
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वहीं जनधन बैंक खाते वाली स्व-सहायता समूह की हर महिला सदस्य को 5,000 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी. जबकि मुद्रा योजना के तहत इस समूह की एक महिला सदस्य 1,00,000 रुपये तक का लोन ले सकेगी. इस बजट में कहा गया कि स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिला उद्यमियों को लाभ दिया जाएगा.