सरकार द्वारा लाए गए एनआरसी का उद्देश्य देश से मुसलमानों को निकालना है लोकसभा सांसद बदरुद्दीन

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने गुरुवार को राष्ट्रीय नागरिकों के रजिस्टर (NRC) की आलोचना की और दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार मुस्लिमों को देश से निकालने के लिए नागरिकता रजिस्टर लागू करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, एनआरसी राष्ट्र के लिए महंगा पड़ा, इसके कारण कई अधिकारी बर्बाद हो गए और दूसरी तरफ इतने लोगों को अपनी पहचान साबित करने के लिए पीड़ित होना पड़ा. वे (केंद्र सरकार) असमिया मुसलमानों को बांग्लादेशी साबित करना चाहते थे. तमाम प्रयासों के बावजूद वे असफल रहे. उन्होंने एक पहाड़ को खोदा और एक मरा हुआ चूहा पाया.

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें केंद्र में भाजपा सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. हमें भाजपा से कोई उम्मीद नहीं है. उनका इरादा मुसलमानों को देश से निकालना था. हम अमित शाह के बयान से चिंतित नहीं हैं. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक गृह मंत्री एनआरसी और सीएबी (नागरिकता संशोधन विधेयक) में मुसलमानों को शामिल नहीं करता है. धुबरी के सांसद अजमल ने आगे कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार एनआरसी को देश को विभाजित करने के लिए आगे बढ़ रही है.

उन्होंने कहा, सब कुछ राजनीतिक है, वे इसे जानते हैं. कोई भी एनआरसी को लागू नहीं करता है, लेकिन वे इसे विभाजित करने के लिए कर रहे हैं. वे बाहरी हैं, सरकार की पहचान क्यों नहीं है? अमित शाह अपने भाषण से संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि एनआरसी बनाने की कवायद देश भर में आयोजित की जाएगी और सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, इस प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनआरसी अभ्यास की निगरानी की जाती है. एनआरसी अभ्यास के दौरान किसी भी धर्म को लक्षित या पृथक नहीं किया गया है