भारत के लोगो को इस देश ने भेजा डिटेंशन सेंटर , भीख मांगने के लिए हुए मजबूर

डिटेंशन सेंटर भेजे गए श्रमिकों में 39 लोग उत्तर प्रदेश से, 10 बिहार से, पांच तेलंगाना से, कर्नाटक और प्रदेश से चार-चार लोग हैं। कई मजदूर पूरी तरह टूट चुके हैं और निराशाजनक स्थिति में हैं। एक मजदूर ने शिकायत करते हुए कहा ” हमने कोई अपराध नहीं किया है। हमें अपनी स्थिति के कारण भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि हमारे पास कोई नौकरी नहीं है। अब हम यहां डिटेंशन सेंटर में परेशान हो रहे हैं।”

एक अन्य ने कहा कि वे चार महीने से अधिक समय से असहनीय स्थिति में है। एक मजदूर ने कहा “हमने पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और श्रीलंका के श्रमिकों को उनके देशों के अधिकारियों द्वारा मदद करते हुए देखा है और उन्हें उनके देशों में वापस भेज दिया है। लेकिन हम लोग अब भी यहीं फंसे हुए हैं।”

वायरल वीडियो में एक मजदूर को अपील करते हुए सुना जा सकता है कि मेरा भाई गुजर गया और मेरी माँ गंभीर है। मैं भारत वापस भेजना चाहता हूं। अमजद ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सऊदी अरब में भारतीय राजदूत औसाफ सईद को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से 450 भारतीय श्रमिकों की दुर्दशा को सामने लाया गया और केंद्र से श्रमिकों की मदद कर उन्हें देश वापस लाने का आग्रह किया गया है।

ये सभी श्रमिक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के है। इन भारतीय श्रमिकों का एक वीडियो भी वायरल हुआ है।

इस वीडियो में वे कह रहे हैं कि उनका एकमात्र अपराध भीख मांगना है। सऊदी अधिकारियों ने उनके कमरे में जाकर इन लोगों की पहचान की और इसके बाद उन्हें जेद्दा के शुमासी डिटेंशन सेंटर भेजा दिया गया।

कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में लोगो को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। सऊदी अरब में 450 भारतीय श्रमिक नौकरी ना होने की वजह से सड़क पर भीख मांगने को मजबूर हैं।

जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा दिया है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश श्रमिकों के कार्य परमिट की अवधि समाप्त हो गई थी। जिसके चलते उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।

डिटेंशन सेंटर भेजे गए श्रमिकों में 39 लोग उत्तर प्रदेश से, 10 बिहार से, पांच तेलंगाना से, कर्नाटक और प्रदेश से चार-चार लोग हैं। कई मजदूर पूरी तरह टूट चुके हैं और निराशाजनक स्थिति में हैं।