यह खबर उसके लिए किसी झटके से कम नहीं…

पाकिस्तान, जो खालिस्तान के अलगाववादी आंदोलन को किसी भी तरह के समर्थन देने से इंकार करता रहा है। लेकिन यह खबर उसके लिए किसी झटके से कम नहीं है। दरअसल, गूगल उसकी राजधानी लाहौर को खालिस्तान की राजधानी बता रहा है। गूगल में सामान्य रूप से सर्च करने पर विकिपीडिया का एक अंश सामने आता है। इसमें लिखा गया है कि पश्चिमी भारत और पूर्वी पाकिस्तान को हिस्सों को मिलाकर नई सीमाओं के साथ नया बनाया गया राज्य खालिस्तान कहलाएगा।


इसकी घोषित राजधानी लाहौर होगी, सिख साम्राज्य का एक ऐसा शहर जिसे महाराजा रणजीत सिंह द्वारा स्थापित किया गया था और उनके वंशजों ने यहां सदियों तक शासन किया था। दिलचस्प बात यह है कि विकिपीडिया की सभी प्रविष्टियां इस तथ्य को उजागर करती हैं कि खालिस्तानी अलगाववादियों के इस राज्य में भारत और पाकिस्तान दोनों का पंजाब प्रदेश शामिल है। इसमें खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, सिंध, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और तथाकथित रूप से जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के कुछ हिस्सों को शामिल बताया गया है।

अलगाववादी खालिस्तान झंडे पर एक नजर डालें तो इसकी पृष्ठभूमि में नीले और केसरिया रंग के साथ अग्र भाग में सिख प्रतीक चिन्ह खंडा दिखाई देता है। अमेरिका के अलगाववादी नेता और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के कानूनी सलाहकार और अलगाववादी आंदोलन के प्रमुख प्रचारक गुरपतवंत सिंह पन्नून गूगल सर्च के इन परिणामों को देखकर हैरानी जताते हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया से उन्होंने कहा कि जो लोग लाहौर को खालिस्तान की राजधानी बता रहे हैं, मैं उनके इस अभियान को देखना चाहता हूं कि आखिर उनकी योजना क्या और वे कैसे इस अंजाम तक पहुंचाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने लाहौर को खालिस्तान की राजधानी बनाने की मांग का समर्थन किया है। इसके जवाब में पन्नून ने कहा कि जो लोग लाहौर को खालिस्तान की राजधानी चाहते हैं उन्हें एसएफजे की अनुमति या अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि एसएफजे अपने रेफरेंडम 2020 के माध्यम से एक स्वतंत्र देश के रूप में पंजाब को फिर से स्थापित करने के लोकतांत्रिक शांतिपूर्ण प्रस्ताव की मांग कर रहा था।