24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आये, लेकिन अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है। सीएम पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में बात नहीं बनी।
ऐसे में शिवसेना ने कांग्रेस, एनसीपी के रूप में उल्टा विचारधारा के लोगों के साथ सरकार बनाने की पहल की है, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। शरद पवार के शिवसेना को गोल-गोल घुमाये जाने से शिवसेना के विधायक नाराज हैं। ऐसे में शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक अल्टीमेटम देने का मन बनाया है। इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी आज बोला है कि सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है व दिसंबर से पहले ।
शरद पवार
हालांकि सरकार गठन में देरी को लेकर शिवसेना के अंदर बेचैनी बढ़ रही है। पार्टी के कई विधायक नाराज हैं व उद्धव ठाकरे से पूछ रहे हैं कि सरकार कब बनेगी? दरअसल विधायक पार्टी से पूछ रहे हैं कि जब कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना की गठबंधन को लेकर वार्ता चल रही है तो शरद पवार ऐसा क्यों कह रहे हैं कि गठबंधन को लेकर कोई वार्ता नहीं है? पवार क्यों खुलकर नहीं बोल रहे हैं? क्या पवार कोई गेम तो नहीं खेल रहे हैं? कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देने में क्यों समय लगा रही हैं जबकि कामन मिनिमम कार्यक्रम को लेकर बात अंतिम दौर में है। गठबंधन को लेकर इतना कंफ्यूजन क्यों है?