राम मंदिर की नींव में डाला जाएगा ये, शुरू हुई तैयारी

अब इन्ही दोनों पवित्र स्थलों की मिट्टी रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में प्रयुक्त होगी। विहिप ने इन दोनों पावन स्थलों की मिट्टी भूमिपूजन के दौरान ही उपलब्ध कराने के निर्देश गोरक्ष प्रांत को दिए हैं।

 

संगठन के आदेश पर सिद्धार्थनगर के जिलाध्यक्ष को यह जिम्मेदारी दी गई है। विहिप जिलाध्यक्ष विजय पांडेय ने बताया कि प्रांतीय संगठन के निर्देश पर वह तीन अगस्त को मिट्टी लेकर अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।

इसी प्रकार भारतभारी तीन युगों की साक्षी नगरी के रूप में विख्यात है। माना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम के भाई भरत ने इस स्थान पर रहकर तपस्या की थी।

उन्होंने ही यहां पवित्र सरोवर व शिवमंदिर का निर्माण कराया था। भगवान भरत को त्याग की प्रतिमूर्ति और भारतभारी को त्याग के भूमि की संज्ञा दी गई है।

यहीं से राजकुमार सिद्धार्थ ज्ञान की खोज में निकले थे। ज्ञान प्राप्ति के बाद वह बुद्ध कहलाए, तथा समूचे विश्व को ज्ञान मार्ग से परिचित कराया। सनातन धर्म में उन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना गया है। कपिलवस्तु की प्रसिद्धि ज्ञान भूमि के रूप में चिर काल से है।

अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की नींव में ज्ञान और त्याग के भूमि की मिट्टी डाली जाएगी। विश्व हिंदू परिषद ने गोरक्ष प्रांत को इसके लिए निर्देशित किया है।

विहिप सिद्धार्थनगर के जिलाध्यक्ष विजय पांडेय मिट्टी लेकर अयोध्या के लिए रवाना होंगे।सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु को भगवान बुद्ध की जन्मस्थली का दर्जा प्राप्त है।