Entertainment

पहली हिंदी फिल्म से मचाया धमाल, दूसरी ने कर दिया बंटाधार; ओम राउत के फिल्मी सफर पर डालें नजर

ओम राउत एक लेखक, निर्माता, निर्देशक के अलावा बतौर बाल कलाकार भी इंडस्ट्री में अपना लोहा मनवा चुके हैं। सिनेमा उनके रग-रग में बसा हुआ है क्योंकि निर्देशक एक फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं। ओम राउत के निर्देशन में बनी पहली हिंदी फिल्म ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने में सफल रही। हालांकि, दूसरी हिंदी फिल्म के लिए उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा। आइए आज ओम राउत के जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलुओं पर गौर फरमा लेते हैं-

ओम राउत का जन्म, परिवार
ओम का जन्म 21 दिसंबर, 1981 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता भारत कुमार एक जाने-माने पत्रकार, लेखक और राज्यसभा सदस्य हैं। वहीं, सिने जगत की कला उन्हें उनकी मां और दादा जी से मिली है। ओम की मां नीना राउत एक सफल टेलीविजन निर्माता हैं। वहीं, उनके दादा जेएस बांदेकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता और संपादक थे। ओम राउत ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार की थी।

अमेरिका जाकर सीखे सिनेमा के गुण
ओम राउत ने कई विज्ञापन फिल्मों और थिएटर नाटकों में बतौर बाल कलाकार काम किया। माटुंगा के डीजी रूपारेल कॉलेज में जूनियर कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मुंबई के शाह एंड एंकर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क जाकर फिल्म और टेलीविजन का अध्ययन किया। ओम राउत ने अमर उजाला के एक इंटरव्यू में न्यूयॉर्क जाकर सिनेमा की पढ़ाई करने के पीछे का असल कारण बताया था। उन्होंने कहा था, ‘अमेरिका मैं इसी मकसद से गया था कि लौटकर यहां ‘जुरासिक पार्क’ जैसी भव्य फिल्में बना सकूं। वहां गया तो था पढ़ाई करने लेकिन सिनेमा पढऩे के बाद वहां नौकरी भी मिल गई तो कुछ दिन वहां रहकर मैंने जिंदगी जीने का उनका नजरिया भी सीखा। काम करने में उनका समर्पण सीखा। साल 2010 तक मैंने वहां खूब काम किया और फिर वहां से वापस भारत लौटा। मुझे तो ये समझ आता है कि सिर्फ बेवकूफ लोगों को किसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती। मेरी ट्रेनिंग ही मेरी नींव का पत्थर बनी। आज जो कुछ मैं कर पा रहा हूं सब उसी सीख के कारण।’

‘तानाजी’ के लिए मिला प्यार
ओम राउत ने साल 1993 में फीचर फिल्म में अभिनय की शुरुआत की। उस फिल्म का नाम ‘करामाती कोट’ था। इस फिल्म में दिवंगत अभिनेता इरफान खान भी थे। ‘करामाती कोट’ राउत और खान दोनों के करियर की पहली फिल्म थी। ओम राउत ने बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘लोकमान्य’ बनाई जो एक मराठी फिल्म थी। इसके बाद उनकी दूसरी फिल्म ‘तानाजी’ रही, जो हिंदी भाषा में रिलीज हुई। इस फिल्म के जरिए राउत ने महाराष्ट्र के एक सेनानी की गाथा को दुनिया भर में पहुंचाया। अजय देवगन की मुख्य भूमिका वाली इस मूवी को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Related Articles

Back to top button