5 लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मौत के बाद सामने आया ये बड़ा सच, घर से निकला…

शुक्रवार को विकास दुबे का एनकाउंटर होने के बाद अंकुर मिश्रा के परिजनों ने खुशी जताई है। परिजनों के मुताबिक तीनों अपराधियों के मारे जाने से अब अंकुर मिश्रा व उनके पिता श्रवण मिश्रा को जल्द ही रिहाई मिल सकती है।

 

साथ ही उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की। शांति मिश्रा ने बताया कि उन्होंने हाथ जोड़कर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से कहा था कि पंडित तुम यहां से चले जाओ। साथ ही उन्होंने तो पुलिस के सामने सरेंडर करने की भी सलाह दी थी

परिजनों के बाद से विकास दुबे इस कदर नाराज हो गया कि उसने गुंजन का मोबाइल भी अपने पास रख लिया। रात को जब अंकुर मिश्रा घर पर पहुंचा तो विकास दुबे ने उन्हें भी धमकी दे डाली।

रात में ही अंकुर और श्रवण के पहचान पत्र विकास ने ले लिए। इसके बाद विकास दुबे अपने साथ अंकुर को एक होटल में ले गया और वहां पर एक कमरा बुक कराया।

गैंगस्टर विकास दुबे से जुड़ी एक खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि प्रभात मिश्रा, अमर दुबे और विकास दुबे 6 जुलाई अंकुर मिश्रा के घर पर ही छुपा था। पुलिस ने अपराधियों को अपने घर में शरण देने के जुर्म में अंकुर मिश्रा व उसके पिता श्रवण मिश्रा को गिरफ्तार किया है।

कानपुर गोलीकांड के अपराधी और 5 लाख रुपये का इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की एनकाउंटर में मारे जाने पर फरीदाबाद की रहने वाली अंकुर की मां शांति मिश्रा और पत्नी गुंजन मिश्रा ने संतुष्टि जाहिर की है।

अपराधी और पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश विकास दुबे के मारे जाने के बाद बिकरू गांव में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती गई है। इस दौरान बिकरू गांव के ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि विकास दुबे ने 70-80 साल पुरानी उनके बाप-दादाओं की जमीन पर कब्जा कर लिया था। विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब उसका डर लोग के दिलों में कम हुआ है, इसलिए वो अब पुलिस को इस बारे में बताए पाए।