निर्भया मामले

निर्भया मामले में दोषी ठहराए गए पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने…

सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया मामले में दोषी ठहराए गए पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका यानी क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी. इस तरह अब उसके पास सिर्फ राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बचा है. मामले के बाकी तीनों दोषी अपने सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं.

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सुप्रीम कोर्ट में अपनी सुधारात्मक याचिका में पवन गुप्ता ने फांसी को उम्रकैद की सजा में बदलने की अपील की थी. लेकिन जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली एक पांच सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि इसका कोई आधार नहीं बनता.

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निर्भया मामले के चारों दोषियों को उनके डेथ वारंट के मुताबिक कल फांसी होनी है. लेकिन पवन गुप्ता के पास राष्ट्रपति को दया याचिका देने का विकल्प बचा होने से माना जा रहा है कि यह टल सकती है. इससे पहले भी इसी तरह के कानूनी प्रावधानों के चलते दोषियों की फांसी दो बार टल चुकी है. इस बीच, केंद्र की मांग है कि निर्भया मामले में जिन दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं उन्हें अलग-अलग फांसी दी जाए. उसकी इस याचिका पर सुनवाई पांच मार्च को होनी है.

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16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी. उसी महीने सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.