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आम आदमी को उसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, बोले- बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

आम आदमी को, फिर चाहे वह तमिलनाडु का ग्रामीण हो या गोवा का मोबाइल रिपेयर करने वाला, दूरसंचार के मामले में उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने शनिवार को यह टिप्पणी की।

उन्होंने सुझाव दिया कि बार एसोसिएशन यह पहल करें ताकि आम जनता की शिकायतें दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीएसएटी) के समक्ष उठाई जा सकें। न्यायमूर्ति उपाध्याय उत्तरी गोवा में ‘दूरसंचार और प्रसारण व साइबर क्षेत्रों में विवादों के समाधान के लिए तंत्र’ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इस अवसर पर बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन जामदार, न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक और न्यायमूर्ति नवीन चावला भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, “जहां तक न्यायाधिकरण के समक्ष आने वाले मुद्दों पर निर्णय का सवाल है, इसके लिए कानून और नियम हैं। चूंकि विवादों की प्रकृति अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, इसलिए न्यायाधिकरण भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हैं और निरंतर विकसित हो रहे हैं।”

न्यायमूर्ति उपाध्याय ने कहा कि चूंकि वकील और टीडीएसएटी के सदस्य इस क्षेत्र के नियमों, कानूनों और कानूनी बारीकियों से अच्छी तरह परिचित हैं, इसलिए उन्हें न्याय प्रदान करने के पुराने सिद्धांतों- समानता, निष्पक्षता और सदभावना के अनुसार लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए।

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