भारत और चीन के बीच सबसे बड़े टकराव की आशंका, लद्दाख में सैनिकों को…

सूत्रों की माने तो इन क्षेत्रों ए भारतीय सेना चीन से कहीं ज्यादा बेहतर कंडीशन में है। लेकिन इसके बाद भी गलवान घाटी में दरबुक शयोक दौलत बेग ओल्डी सड़क के पास भारतीय चौकी केएम-120 के अलावा कई ऐसे महत्वपूर्ण ठिकाने हैं जहां चीनी सैनिकों की स्थिति भारतीय सेना के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

 

वहीँ, सेना की उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा है कि, ‘यह गंभीर मामला है। यह सामान्य तौर पर किया गया अतिक्रमण नहीं है।’

दरअसल, उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि गलवान क्षेत्र पर दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं है और ऐसे में चीन का अतिक्रमण किया जाना चिंता की बात है।

इतना ही नहीं इस बारे में चीन में भारत के राजदूत रह चुके अशोक कांत ने कहा कि चीनी सैनिकों ने कई बार घुसपैठ की कोशिश की है और ये गंभीर चिंता का विषय है।

इस बारे में सीनियर अधिकारियों का कहना है कि भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है और इन्हीं विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने सैनिकों की तैनाती को 2 से ढाई हजार तक बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं अब चीनी सैनिक अस्थाई निर्माण को मजबूत करने में लगे हैं।

भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है और यही स्तिथि 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद दोबारा बड़ी सैन्य तनातनी का कारण बन सकती है।