Utter Pradesh

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर जैसा माहौल, लोग बोले- एक साल पहले नहीं आ सके तो आज आए, तस्वीरें

अयोध्या:  रामललला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे नगर में एक वर्ष के पहले हुई प्राण प्रतिष्ठा के अवसर जैसा ही माहौल बन गया। शनिवार और रविवार को वीकेंड होने से स्थानीय भक्तों के साथ आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचे और सुबह से दर्शन का दौर शुरू हो गया। जनवरी के महीने में भीषण ठंड होने के बाद भी रामभक्तों का उत्साह चरम पर है और लाखों की संख्या में लोग अयोध्या पहुंचे हैं। रामपथ पर नंगे पांव श्रद्धालु राम मंदिर की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। राम मंदिर में दर्शन के लिए कतार लगी हुई है। उत्सव और उल्लास का माहौल हर तरफ छाया हुआ है।

भव्यता के शिखर को स्पर्श करते राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान बालकराम के महाभिषेक के साथ प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव का श्रीगणेश हुआ। पौष शुक्ल द्वादशी तिथि पर ठीक 10:20 बजे रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू हुई। रामलला का अभिषेक पंचामृत से किया गया। इसके बाद जिस मुहूर्त पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी ठीक उसी मुहूर्त पर 12 बजकर 20 मिनट पर रामलला की महाआरती की गई।

रविवार को भीषण ठंड और बारिश के बीच भी रामभक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और लाखों की संख्या में लोग अयोध्या पहुंचे और प्रभु श्रीराम के बालकरूप का दर्शन किया।
प्रतिष्ठा द्वादशी के मौके पर नगर में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किए जा रहे हैं। ऐसे में रामलला का दर्शन के लिए आने वाले रामभक्तों की भीड़ लगी हुई है। राम मंदिर में लगातार भीड़ लगी हुई है।

रामभक्तों के उत्साह को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इंतजाम किए हैं। भक्तों को कतारबद्ध करने के बाद दर्शन के लिए ले जाया जा रहा है।प्रतिष्ठा द्वादशी के मौके पर राम मंदिर अलौकिक छटा बिखेर रहा है। यहां देर रात तक रामभक्त दर्शन करते रहे।

प्रतिष्ठा द्वादशी पर महाभिषेक के दौरान रामलला को वेद मंत्रोच्चार के बीच पहले दूध, फिर दही, घी, शहद और फिर शक्कर से रामलला का अभिषेक किया गया। इसके बाद रामलला को सोने-चांदी से जड़ित पीतांबरी वस्त्र धारण कराया गया। फिर सोने का मुकुट, हाथ में कड़ा, कोदंड धनुष, करधन, हीरे-मोती से जड़ित हार आदि आभूषण धारण कराया गया। इसके बाद 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया।

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