अधिक मास में की जाने वाली भगवान विष्णु की पूजा के साथ -साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए. जिससे माता लक्ष्मी की भी कृपा आप पर बरसती रहे. ऐसा भी माना जाता है कि अधिकमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें खीर के साथ पीले रंग की ही मिठाई फल का भोग लगाना चाहिए.
पीपल के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए अधिक मास के दौरान पीपल के वृक्ष पर मीठा जल चढ़ाना लाभकारी होता है. अधिकमास के दौरान तुलसी जी सामने घी का दीपक जलाना भी लाभकारी माना गया है.
कहा जाता है कि अधिक मास में भगवान सत्य नारायण की पूजा करना भी काफा लाभकारी होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं जिसके बाद घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. ऐसा भी माना जाता है कि अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.
हर तीन साल में आने वाले अधिक मास के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं. बता दें कि भगवान विष्णु को ही अधिकमास का स्वामी माना जाता है. अधिकमास में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
अधिकमास (Adhik maas) या मलमास (Malmas) शुरू हो गया है, जो कि 16 अक्टूबर तक रहेगा. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक मलमास (अधिमास) महीने में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. हिंदू धर्म में इस महीने लोग पूजा-पाठ, भगवतभक्ति, व्रत-उपवास, जप योग जैसे धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं. अधिकमास में धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है.