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गंगा किनारे अतिक्रमण पर सुप्रीम चिंता, केंद्र-बिहार से पूछा- अवैध निर्माण हटाने को क्या कदम उठाए

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गंगा किनारे अतिक्रमण को लेकर चिंता जताई है। अदालत ने केंद्र और बिहार सरकार से इस पर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह पूछते हुए कि गंगा किनारे अवैध निर्माण हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ ने अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित तरीके और समय अवधि के अलावा मौजूदा अतिक्रमणों की संख्या भी जानना चाहा। पीठ ने कहा, ‘हम जानना चाहेंगे कि गंगा नदी के किनारे ऐसे सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए अधिकारियों ने क्या कदम उठाए हैं।’ अदालत ने पटना निवासी अशोक कुमार सिन्हा द्वारा एजजीटी के 30 जून, 2020 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है।