भंडारण सीमा का उल्लंघन करने वाली चीनी मिलों पर होगी कड़ी कार्रवाई, नहीं मिलेगा योजनाओं का फायदा

सरकार मासिक भंडारण सीमा से जुड़े आदेशों का उल्लंघन करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जमाखोरी रोकने और मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सफेद/रिफाइंड चीनी के लिए मासिक भंडारण सीमा निर्धारित की है। अप्रैल के लिए यह 23.5 लाख टन है।
मंत्रालय ने शुक्रवार को मिलों को जारी निर्देश में कहा, कुछ समूह और व्यक्तिगत चीनी मिलें पूर्व में दी गई चेतावनियों के बावजूद बार-बार भंडारण नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इस कारण नए और सख्त निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जो एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे। नए निर्देशों के तहत, चीनी सत्र में कई बार उल्लंघन करने पर मिलों को अतिरिक्त चीनी जारी करने और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। डीएफपीडी और डीएसवीओ की योजना का भी लाभ नहीं मिलेगा।
कार्रवाई : भविष्य में चीनी आवंटन पर लग सकता है प्रतिबंध
- नियमों के पहली बार उल्लंघन करने पर बेची गई अतिरिक्त चीनी का 100 फीसदी अगले माह जारी होने वाली खेप से दंड स्वरूप काट लिया जाएगा।
- दूसरी बार उल्लंघन करने पर 115 फीसदी, तीसरे बार में 130 फीसदी और चौथी बार में 150 फीसदी की कटौती की जाएगी।
- बिना सूचना के कुल भंडार के 90 फीसदी से कम चीनी भेजने वाली मिलों को भविष्य में आवंटन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
- एथेनॉल खरीद आवंटन में भी कटौती की जा सकती है।