दिल्ली में MoU पर हस्ताक्षर, पूर्वांचल के लिए बड़ी बात; सुधरेंगी सुविधाएं
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वाराणसी: आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा मिलने की दिशा में एक बार फिर नए सिरे से एमओयू की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए संस्थान स्तर पर कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई है। नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की मौजूदगी में शुक्रवार को बैठक हुई। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर हो गया। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन, आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार के साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें कि इसके लिए जरूरी कागजात के साथ निदेशक समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी गुरुवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा के लिए पांच अगस्त 2018 को बीएचयू के केएन उडुप्पा सभागार में स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय) के बीच एमओयू किया गया था।
इसके तहत आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सभी सुविधाएं मिलने की घोषणाएं की गईं थीं। छह साल का समय बीत गया, कुछ नए विभाग और सुविधाएं शुरू तो की गईं लेकिन एम्स जैसी बहुत सी सुविधाएं अब भी नहीं मिल पा रही थीं। ऐसा इसलिए कि देशभर में एम्स के संचालन में जितनी स्वास्थ्य मंत्रालय की भागीदारी है, उतनी अभी नहीं है। अब नए सिरे से एमओयू होने के बाद यहां एम्स जैसी सुविधा में स्वास्थ्य मंत्रालय की भागीदारी ही मुख्य होगी।
उधर नई दिल्ली में एम्स जैसी सुविधा पर एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बीएचयू ट्रामा सेंटर प्रभारी प्रोफेसर सौरभ सिंह ने कहा कि इस पहल से बीएचयू में आने वाले यूपी के अन्य जिलों के मरीजों के साथ ही बिहार झारखंड आदि जगहों के मरीजों को बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को पहले से यहां मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने इस पहल के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के प्रति आभार भी जताया।
डाॅक्टरों ने जताई खुशी
आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा मिलने की सूचना पर हृदय रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. ओमशंकर ने कहा कि यह जनता के अधिकारों की जीत है। इससे पूर्वांचल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य के अधिकारों की लड़ाई लंबे समय से लड़ी जा रही थी। 2013 में आईएमएस बीएचयू में एम्स के लिए भूख हड़ताल करने वाले डाॅ. ओमशंकर ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य जनता का मूल अधिकार है।