सिद्धारमैया ने पुराने बयान पर दी सफाई, बोले- पाकिस्तान को सिखाएं सबक, दोबारा न करे ऐसे कृत्य

बंगलूरू: दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान संबंध एक बार फिर पटरी से उतर गए हैं। इस बीच, पाकिस्तान पर हमले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान पर खूब चर्चा हो रही है। वहीं, सिद्धारमैया ने अपने बयान को लेकर कहा कि एक देश के पास युद्ध को अंतिम विकल्प होना चाहिए।
पाकिस्तान को सिखाना चाहिए कड़ा सबक: सिद्धारमैया
सिद्धारमैया ने कहा, मैंने युद्ध के बारे में जो बयान दिया, उस पर हो रही बहसों और चर्चाओं को मैंने देखा है, चाहे वह पक्ष में हो या विपक्ष में। युद्ध हमेशा एक राष्ट्र का अंतिम विकल्प होना चाहिए। कभी भी पहला और एकमात्र विकल्प नहीं होना चाहिए। जब दुश्मन को हराने के लिए हर अन्य तरीका विफल हो चुका हो, तब एक देश को युद्ध में जाने के लिए मजबूर होना चाहिए। पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवादियों ने पहलगाम में खौफनाक हमला कर स्पष्ट कर दिया है कि हमारी खुफिया और सुरक्षा प्रणाली में गंभीर चूक हुई। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि पहले इन कमियों को सही किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी त्रासदियां फिर से न हों।
दुनियाभर के देशों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। हमें इस अभूतपूर्व वैश्विक समर्थन का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान को ऐसा कड़ा सबक सिखाना चाहिए कि वे कभी भी ऐसे कृत्य दोबारा न करें।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले क्या कहा था
इससे पहले, शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा था कि हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां होना चाहिए था। वह बिहार में चुनाव प्रचार करने गए थे। ऐसे में सवाल है कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है? वह लोगों को टोपी पहना रहे हैं (मतलब लोगों को गुमराह बना रहे हैं)। आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा था कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। हम इसके पक्ष में नहीं हैं। हमें कड़े कदम उठाने चाहिए। सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।