चीन को राजनाथ सिंह ने दिया ये करारा जवाब, कही बिगड़ न जाए हालात

प्रधानमंत्री भारत-चीन तनाव को लेकर बहुत मुखर नहीं रहे हैं. यहाँ तक कि वो चीन का नाम लेने से भी बचते रहे हैं, जबकि सीमा पर दशकों बाद भारत को चीन के इतने आक्रामक रुख़ का सामना करना पड़ रहा है.

 

इससे पहले पीएम इस बात की भी तारीफ़ करते रहे हैं कि भारत और चीन में सीमा विवाद भले है, लेकिन दोनों देशों के बीच दशकों से सीमा पर एक गोली तक नहीं चली. हालाँकि ये बात भी इस बार नहीं रही और सरहद पर गोलीबारी भी हुई है. सोमवार को भी पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया तो चीन का नाम नहीं लिया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से अलग है, जो उन्होंने 19 जून को सर्वदलीय बैठक में दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 सैनिकों की मौत के बाद 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.

इसमें प्रधानमंत्री ने कहा था, “न तो कोई भारतीय इलाक़े में घुसा है और न ही अभी कोई है. किसी ने हमारी कोई चौकी भी अपने नियंत्रण में नहीं लिया है.”

राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, “अभी की स्थिति के अनुसार चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियों और गोला-बारूद जमा किए हैं.”

राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव के कुछ केंद्र हैं, जिनमें गोराग, कोंगका ला और पैंगोंग लेक के उत्तरी-पूर्वी तट हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे इस गरिमामयी संसद में यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि हम लद्दाख में चीन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि चीन ने एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास और उसके भीतरी इलाक़ों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है और भारी मात्रा में गोला बारूद भी जमा किए हुए है.

राजनाथ सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि भारत लद्दाख में चीन की चुनौती का सामना कर रहा है. हालांकि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जून में महीने में कहा था कि सब कुछ ठीक है और चीन भारत के इलाक़े में नहीं हैं.