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एसएससी भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी को झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

कोलकाता:  राज्य स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले मामले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और सीबीआई द्वारा आरोपित चार अन्य हाई-प्रोफाइल आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबीर भट्टाचार्य, राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, एसएससी की सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष एसपी साहा और एसएससी के पूर्व सचिव अशोक साहा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

इससे पहले जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने अलग-अलग फैसले सुनाए थे। इसके बाद मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति चक्रवर्ती की एकल पीठ को सौंप दिया था।

याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दावा किया था कि स्कूल नौकरी घोटाले में पांचों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन भर्तियों में अनियमितताओं की जांच अभी जारी है। आरोपी काफी प्रभावशाली हैं। ऐसे में जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है। बता दें कि पार्थ चटर्जी ने पहले कई मौकों पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में जमानत याचिकाएं दायर की हैं।

अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था
पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रायोजित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने कथित अवैध भर्तियों में धन के लेन-देन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया कि उसने अर्पिता के कई फ्लैट से 49.80 करोड़ रुपये नकद, आभूषण, सोने की छड़ें, संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्ति और एक कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।

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