शिवसेना के इस महान नेता ने दिया इस्तीफा, कहा-दिल्ली में क्यों रहूं

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पार्टी के नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सांवत ने सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफ दे दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि बीजेपी ने रविवार को गवर्नर से मिलकर बोला कि वह प्रदेश में अकेले सरकार नहीं बना सकती. इसके बाद गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है. ऐसे में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) ने मौका देखते हुए शिवसेना को समर्थन देने पर अपनी शर्त रख दी है. एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने बोला है कि हमारे समर्थन के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को पहले केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होना होगा. अब सबकी नजर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस पार्टी पर टिकी हुई है. सरकार गठन का न्योता मिलने के बाद शिवसेना नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर सकते हैं.

केंद्रीय भारी उद्योग  सार्वजनिक उद्यम मंत्री  शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने ट्वीट करके बोला कि लोकसभा चुनाव से पहले दोनों में सीट शेयरिंग को लेकर एक फॉर्मुला तय हुआ था, दोनों की उस पर सहमति हुई थी. उस फॉर्मुले को नकार कर शिवसेना को झूठा ठहराकर महाराष्ट्र के स्वाभिमान पर कलंक लगाने की प्रयास की गई है. शिवसेना का पक्ष सच्चाई है. इतने झूठे माहौल में दिल्ली में क्यों रहें? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से त्याग पत्र दे रहा हूं. इस विषय में आज प्रातः काल 11 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा हूं.

अब, एक पक्ष का खंडन करना शिवसेना के लिए एक गंभीर खतरा है. बीजेपी ने झूठ की खोज में महाराष्ट्र में बहुत ज्यादा प्रगति की है. उन्होंने बोला कि शिवसेना का पक्ष सच्चाई है. इतने झूठे माहौल में दिल्ली में क्यों रहूं?  इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से त्याग पत्र दे रहा हूं. इस विषय में आज सुबह, 8.30 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा हूं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो गया है  भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है. इसी बीच खरीद-फरोख्त की संभावना के मद्देनजर महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के 34 विधायकों को पार्टी शासित राजस्थान भेज दिया गया है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा- हमें कांग्रेस पार्टी विधायकों को राजस्थान लाना पड़ा है, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त का खतरा था. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को अनुसार बीजेपी के पास 105 विधायक हैं  उसका दावा है कि उसे कुछ निर्दलीय तथा छोटी पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि 288 सीटों वाली विधानसभा में क्या वह बहुमत के 145 के आंकड़े पर पहुंच सकती है या नहीं.

बता दें कि बीजेपी (भाजपा) ने 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 105 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई. दोनों को मिलाकर 161 सीटें हैं जो महत्वपूर्ण बहुमत के आंकड़े 145 से बेहद हैं, लेकिन सीएम पद को लेकर खींतचान की वजह से अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका. हालांकि अब भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह प्रदेश में अकेले सरकार नहीं बना सकती  शिवसेना उसका साथ नहीं दे रही.