शादी को लेकर आदिवासी समाज में भी कई प्रचलित परंपराएं है, जो आज भी खुशी-खुशी निभाई जा रही हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे विवाह के बारे में जहां दूल्हा अपनी ही शादी में शामिल नहीं होता। विवाह की सारी रस्में अविवाहित बहन या कोई अन्य अविवाहित महिला सदस्य पूरी करती है।
गुजरात के तीन आदिवासी गांवों में शादी के दिन दूल्हा अपनी शादी में शामिल ना होकर घर पर ही मां के साथ रहता है। दूल्हे की उनकी अविवाहित बहन या परिवार का अन्य कोई अविवाहित महिला सदस्य दुल्हन को ब्याह कर घर लाती है।