Utter Pradesh

मौत से पहले जेल में घुट-घुटकर मर रही शबनम; 16 साल पहले प्रेमी संग की थी पूरे परिवार की हत्या

अमरोहा:  राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद जेल में बंद सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम मौत से पहले जेल में घुट घुटकर मर रही है। करीब छह माह पहले जेल में उस्मान सैफी से मुलाकात के दौरान शबनम ने अपनी दर्द बयां किया था। वारदात को याद कर वह जेल में छिप-छिप कर रोती है। करीब 16 साल पहले उसने अपने प्रेमी के साथ पूरे परिवार की हत्या कर दी थी।

शबनम के बेटे की परवरिश करने वाले बुलंदशहर निवासी उस्मान सैफी ने बताया कि शबनम बरेली जिला कारागार में है। राष्ट्रपति ने दो बार दया याचिका खारिज करते हुए फांसी को बरकरार रखा है। शबनम फोन पर 15 से 20 दिन में अपने बेटे से बात करती है। उसकी पढ़ाई को लेकर चिंतित है। जेल में छिप-छिपकर रोती है।

उसे परिवार को खत्म कर देने का मलाल है, लेकिन बावनखेड़ी गांव के लोग नहीं चाहते शबनम जिंदा रहे। उसे तुरंत फांसी देने की मांग कर रहे हैं। शबनम का नाम आते ही पुरानी घटना ताजा हो जाती है। शबनम के चाचा सत्तार अली और चाचा फातिमा का कहना है कि शबनम और सलीम ने जो कृत्य किया है, उसके लिए वह फांसी की ही हकदार है।

उनका कहना है कि शबनम को बहुत पहले ही फांसी पर लटका देना चाहिए था। अब तक उसे क्यों फंदे पर नहीं लटकाया गया। उसे जिंदा रहने का कोई हक नहीं है। विवेचक रहे आरपी गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस 52 दिन में केस की तफ्तीश पूरी करने के बाद 300 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी। जिसमें 45 गवाह भी बनाए गए थे। जिसके आधार पर शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी की सजा मिली।

सनसनीखेज वारदात के बाद तत्कालीन सीएम मायावती भी पहुंची थीं बावनखेड़ी
एक परिवार के सात लोगों की हत्या की सनसनीखेज वारदात ने पूरे प्रदेश में हलचल पैदा कर दी थी। यही वजह थी कि तत्कालीन सीएम मायावती भी गांव में पहुंची थीं। घटनास्थल की स्थिति शबनम की ओर इशारा कर रही थी। पुलिस ने इसी लाइन पर जांच भी शुरू की। वारदात के चौथे दिन ही शबनम और सलीम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाकी की कसर सलीम के मोबाइल की कॉल डिटेल ने पूरी कर दी।

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