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रोहित-गंभीर के सामने टेस्ट खेलने की इच्छा जता चुके हैं संजू सैमसन, मिला था यह जवाब; जानें मामला

बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में खेली गई तीन मैचों की टी20 सीरीज में शतक लगाने वाले संजू सैमसन ने अब टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा जताई है। इस बात का खुलासा खुद उन्होंने ही किया है। सैमसन की अब तक व्हाइट बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया में जगह पक्की नहीं है। वह पिछले कुछ समय से टी20 टीम का तो हिस्सा हैं, लेकिन वनडे नहीं खेल रहे। भारतीय स्क्वॉड का तो वह कई बार हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन खेलने का मौका कम मिला है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2015 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले सैमसन अब तक सिर्फ 16 वनडे और 33 टी20 खेल सके हैं। हालांकि, अब उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर से टेस्ट में खेलने की इच्छा जताई। इस पर रोहित और गंभीर ने भी उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इन दोनों को लगता है कि सैमसन टेस्ट में अच्छा कर सकते हैं।

‘टीम मैनेजमेंट ने रणजी खेलने की सलाह दी’

स्पोर्टस्टार के साथ एक इंटरव्यू में सैमसन ने बताया कि वह रेड-बॉल क्रिकेट में सफल होने के लिए कितने आश्वस्त हैं, लेकिन अभी भी इस प्रारूप में बीसीसीआई चयन समिति द्वारा मौका दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं। सैमसन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि मेरे पास रेड बॉल क्रिकेट में सफल होने के लिए स्किल सेट है और मैं खुद को सफेद गेंद के क्रिकेट तक सीमित नहीं रखना चाहता। मेरी इच्छा भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की है। दलीप ट्रॉफी से पहले बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट (कप्तान-कोच समेत) ने मुझे बताया था कि वे टेस्ट क्रिकेट के लिए मेरे नाम पर विचार कर रहे थे और मुझे इसे गंभीरता से लेने और रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए कहा था।’

सैमसन ने गंभीर की तारीफ की

भारत के बल्लेबाज ने बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टी20 सीरीज में टीम के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। फाइनल मैच में शतक के साथ वह सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे थे। सैमसन ने कप्तान सूर्यकुमार यादव और कोच गौतम गंभीर को टीम में अपना नैचुरल गेम खेलने की आजादी देने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘सूर्या अच्छे कम्युनिकेटर हैं और वह खिलाड़ियों से क्या चाहते हैं, इसको लेकर उनके अंदर स्पष्टता है। वह अच्छे नेतृत्वकर्ता हैं और खिलाड़ी उन पर भरोसा करते हैं। गौतम भाई ने हमेशा मेरा समर्थन किया है। जब आपके पास कोच के रूप में कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपकी क्षमता पर विश्वास करता है, तो क्रिकेट खेलना अधिक सुखद हो जाता है।’

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