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सीट बंटवारे में देरी पर संजय राउत निराश, कहा- राज्य कांग्रेस के नेता नहीं ले पा रहे फैसला

मुंबई: शिवसेना उद्धव के सांसद संजय राउत ने महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर हो रही देरी पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि सभी सीटों पर बात हो गई है। कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर राज्य कांग्रेस के नेता फैसला नहीं ले पा रहे हैं।

संजय राउत ने कहा कि मैंने सुबह कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक से बात की है। आज मैं राहुल गांधी से भी बात करूंगा। उनसे कहूंगा कि सीट बंटवारे के संबंध में लंबित निर्णय में तेजी लाई जाए। कई सीटों पर फैसले हो चुके हैं। महाराष्ट्र के कुछ नेता फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें बार-बार सूची दिल्ली भेजनी पड़ रही है। अब वह समय बीत चुका है।

उन्होंने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है। लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर तीनों पार्टियों का दावा है। महाराष्ट्र में नाना पटोले हमारे सहयोगी हैं, उनको कुछ सीटों पर दिक्कत है, उसे सुलझा लिया जाएगा। हम इस बारे में जल्द फैसला लेंगे। गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के साथ ही समाजवादी पार्टी, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (पीडब्ल्यूपी) भी है।

वहीं कांग्रेस नेता अतुल लोंधे पाटिल ने कहा कि कल रात को 260 सीटों को लेकर सहमति बन गई है। पार्टी हाईकमान और राहुल गांधी अन्य सीटों को लेकर भी फंसे मामले को जल्द सुलझा लेंगे। इसे लेकर आज मीटिंग बुलाई गई है। एमवीए पूरी ताकत से एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता से हटाना राज्य के हित के लिए आवश्यक है और हम यह करेंगे।

भाजपा पर बोला हमला
सांसद संजय राउत ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे लोग जेल गए और वापस आ गए। हम जानते हैं कि निशाने पर कौन हैं और बीजेपी कैसे और क्या करेगी। भाजपा में भी बिश्नोई गैंग हैं, लेकिन उनके हाथ में कोई हथियार नहीं है। उनके हथियार सीबीआई और ईडी हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल करके वह हमको निशाना बना रहे हैं। यह सब झेलने के बाद बावजूद हम पूरी दृढ़ता से साथ खड़े हैं।

सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि चुनाव आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। हमें लगता है कि वे निर्णय महाविकास अघाड़ी के हितों के खिलाफ हैं। जबकि इससे शिंदे और भाजपा को मदद मिलेगी। आज के दौर में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट भी निष्पक्ष नहीं हैं। वे भाजपा की बी, सी और डी टीमें हैं।

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