थाईलैंड में समलैंगिक विवाह को मिली मान्यता, ऐसा करने वाला दक्षिण पूर्व एशिया का पहला देश बना
थाईलैंड में अब समलैंगिक जोड़े विवाह कर सकते हैं। गुरुवार को थाईलैंड में समलैंगिक विवाह समानता कानून को मान्यता दे दी गई। जिसके बाद थाईलैंड ऐसा करने वाला दक्षिण पूर्व एशिया का पहला देश बन गया है। इसके अलावा, एशिया में ऐसा करने वाला नेपाल और ताइवान के बाद तीसरा देश बन गया है।
LGBTQ+ समुदाय के लिए एक बड़ी जीत
इस कानून को मान्यता देने के बाद अब 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी जोड़ा वहां विवाह कर सकता है। इसे LGBTQ+ समुदाय के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। इस समुदाय ने समान विवाह अधिकारों की वकालत करते हुए एक दशक से अधिक समय की लड़ाई लड़ी है।
समलैंगिक जोड़ों को मिलेंगे ये अधिकार
यह कानून थाईलैंड में समलैंगिक जोड़ों को कानूनी रूप से अपने विवाह को पंजीकृत करने का अधिकार प्रदान करता है। इसके अलावा, उन्हें कानूनी, वित्तीय और चिकित्सा अधिकार के अधिकार के साथ ही गोद लेने और विरासत के अधिकार भी प्रदान करता है।
पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने कही यह बात
इस मौके पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने कहा कि यह विवाह समानता कानून थाई समाज में लैंगिक विविधता के बारे में अधिक जागरूकता और जाति या धर्म की परवाह किए बिना सभी को गले लगाने की शुरुआत का प्रतीक है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि हर कोई समान अधिकारों और सम्मान का हकदार है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया।
समलैंगिक विवाह समानता कानून को मान्यता मिलने के बाद, गुरुवार को थाईलैंड में सैकड़ों समलैंगिक जोड़े शादी करने जा रहे हैं। बैंकॉक प्राइड ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक जोड़ों ने सियाम पैरागॉन शॉपिंग सेंटर में शादी करने के लिए पंजीकरण कराया है।