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संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ एनपीपी ने दर्ज की एतिहासिक जीत, पूर्ण बहुमत के आंकड़े को किया पार

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने संसदीय चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की। स्थानीय समयानुसार शुक्रवार की सुबह छह बजे तक एनपीपी को राष्ट्रीय स्तर पर 62 फीसदी या 4.4 मिलियन वोट मिले थे। उन्होंने जिलों से आनुपातिक प्रतिनिधियों के तहत 196 सीटों में से 35 सीटें हासिल की हैं। समागी बलवेगा को 18 फीसदी से भी कम और पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) को 5 फीसदी से भी कम वोट मिले हैं।

दिसानायके ने भ्रष्टाचार से लड़ने चुराई गई संपत्तियों को वापस लाने के वादे पर सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। तुरंत चुनाव कराने और अपने एजेंडे के लिए संसदीय समर्थन हासिल करने का उनका फैसला सही साबित हुआ। एनपीपी गठबंधन ने 225 सदस्यीय विधानसभा में 123 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। पार्टी अभी कई सीटें जीतने की राह पर है।

राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट (एसएलपीपी) को दो सीटें मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में एनपीपी को संसदीय चुनाव में अधिक सीटें मिलीं। 225 सदस्यीय विधानसभा में उनके 150 सीटों के आंकड़े या पूर्ण बहुमत को पार करने की संभावना है।

चुनाव में एनपीपी का समर्थन करने वाले आईटी पेशेवर चाणक्य राजपक्षे ने कहा, लोगों ने भ्रष्टाचार और भ्रष्ट व्यवस्था से छुटकारा पाने के लिए मतदान किया। 55 वर्षीय दिसानायके ने बताया कि उन्हें संसद में मजबूत बहुमत की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण चुनाव है, जो श्रीलंका के लिए टर्निंग प्वाइंट होगा। पुलिस ने बताया कि मतदान के दौरान कहीं भी हिंसा की घटनाएं नहीं हुई।

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