प्रोफेशनल वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेंमेंट में अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार रिंकू सिंह

भारत के पहले प्रोफेशनल बेसबॉल खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल करने वाले रिंकू सिंह अब प्रोफेशनल वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेंमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं. बेसबॉल से फ्रोफेशनल रेसलिंग में आने के सवाल पर रिंकू ने आईएएनएस से कहा, “बदलाव बहुत बेहतरीन रहा है. जब मैं टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया आउट्स में था तो मुझे नहीं पता था कि चीजें कैसी होंगी क्योंकि वहां का माहौल बहुत अलग था जिससे मैं परिचित नहीं था.”

रिंकू ने कहा, “डब्ल्यूडब्ल्यूई में बेसबॉल से अलग ट्रेनिंग होती है. हालांकि, दूसरे खेल का खिलाड़ी होने के कारण प्रोफेशनल रेसलिंग की तकनीक सीखने के लिए मुझे थोड़ी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन मेरा सफर शानदार रहा.” रिंग में रिंकू का लुक भी रेसलिंग फैन्स को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है. वह शिव की तरह माथे पर टीका भी लगाकर रखते हैं.

रिंकू ने कहा, “एक गांव में पैदा होने के कारण मैंने इसी प्रकार की संस्कृति को देखा है. मेरे पूर्वज इन प्रतीक चिन्हों के साथ बड़े हुए हैं. चाहे हम अमेरिका में रहते हैं या कहीं और, भारतीय अपनी संस्कृति व सभ्यता के लिए जाने जाते हैं. हिंदुस्तान में युवा पीढ़ी को इसपर गर्व होना चाहिए. मुझे इस बात पर गर्व महसूस होता है कि अमेरिका में रहने के बावजूद भी मैं सफलतापूर्वक अपने धर्म व संस्कृति का पालन कर सकता हूं.”

भारत के एक छोटे से गांव से निकलर अमेरिका में अपना करियर बनाने के लिए रिंकू को कई बड़ी कठिनाईयों का समाना करना पड़ा. रिंकू ने कहा, “सभी को कहीं पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. एक आदमी की पुष्ठभूमि अच्छी न होने का यह मतलब नहीं है कि ज़िंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर सकता है. मेरे पापा परिवार का अकेले पेट पालते थे व मुझे याद है कि एक बार उनके साथ एक्सीडेंट हुई जिसके कारण 4-5 दिनों तक मेरे परिवार ने खाना नहीं खाया.”

रिंकू ने बताया, “मेरी मां को अपने जेवर बेचकर मेरे पापा का ईलाज कराना पड़ा व इस घटना ने मेरे ऊपर गहरा असर डाला. जब मैं 18 वर्ष का हुआ तब मैं अमेरिका आ गया. यहां का माहौल अलग था, लेकिन मैंने कड़ी मेहनत करते हुए सफलता हासिल की. मैं एक डायरी में इन सब चीजों को लिखकर रखता हूं व हर महीने करीब एक बार उसे जरूर पढ़ता हूं ताकि मुझे याद रहे कि यह सब मैं किसके लिए व क्यों कर रहा हूं. सभी यादें मुझे सहज बनाए रखती है व यह बताती है कि आप ज़िंदगी में लड़कर मुश्किल परिस्थितियों से बाहर आ सकते हैं.”

एक बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में आरंभ करने वाले रिंकू दो वर्ष के भीतर डब्ल्यूडब्ल्यूई में शिफ्ट हुए. उन्होंने एनक्सटी में मैच भी जीता व उन्हें यकीन है कि अगले छह महीने या एक वर्ष के भीतर वह टीवी पर दिखेंगे.

अपने भविष्य के बारे में बात करते हुए रिंकू ने कहा, “मेरा सपना रेसलमेनिया में जाना व एक लाख लोगों के सामने हिंदुस्तान को अगुवाई करना है. अगर आपको खुद पर भरोसा है तो कुछ भी संभव है. मुझे विश्वास है कि आप मुझे व गौरव गुर्जर को टैग टीम टाइटल जीतकर हिंदुस्तान आते हुए देखेंगे.”प्रोफेशनल वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेंमेंट में अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार रिंकू सिंह