रातो – रात सरकार ने तैयार किया ये नया प्लान , जनता से माँगा 18 तक जवाब

कंज़्यूमर मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में दिशा-निर्देशों का मसौदा जारी किया है. इसमें स्पष्ट बोला गया कि डिसक्लेमर स्पष्ट, पठनीय व सरलता से दिखने वाला होना चाहिए. सामान्य दृष्टि वाले आदमी को यह बिना किसी परेशानी के दूर से ही दिखाई पड़ना चाहिए.

 

इसे एडवरटाईजमेंट में ऐसी स्थान लगाया जाए ताकि इसे ढूंढ़ने, पढ़ने व समझने में किसी तरह की कठिन न हो. साथ ही डिसक्लेमर व एडवरटाईजमेंट में किए गए दावों की भाषा और अक्षरों के आकार एक होने चाहिए. अगर ऐसा नहीं होगा तो एडवरटाईजमेंट को भ्रामक करार दिया जाएगा.

कंपनियों को अब स्पष्ट व पठनीय एडवरटाईजमेंट देना होगा. सरकार ने विज्ञापनाें को लेकर दिशा-निर्देशों का मसौदा पेश किया है व जनता से इस पर 18 सितंबर तक प्रतिक्रियाएं मांगी हैं.

विज्ञापनों में पतले अक्षरों में किसी कोने में छापा गया डिसक्लेमर अब नाजायज़ माना जाएगा. इस तरह के एडवरटाईजमेंट को भ्रमित करने वाला करार देते हुए विज्ञापनदाता, उसे जारी करने वाली एजेंसी व एडवरटाईजमेंट करने वाले प्रचारक पर कंज़्यूमर संरक्षण कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.