रेलवे ने किया ये बड़ा एलान, 1.7 मेगा वाट की बिजली से दौड़ाया जाएगा…

भारतीय रेलवे (Railway)ने कुछ डिब्बों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल भी लगाए हैं, जिनसे ट्रेन के डिब्बों में बिजली की आपूर्ति हो रही है. लेकिन अब तक, किसी भी रेलवे (Railway)नेटवर्क ने ट्रेनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं किया है.

 

सोलर प्लांट डीसी बिजली उत्पन्न करेगा जो एक इनवर्टर के माध्यम से एसी में परिवर्तित होगा और एक ट्रांसफार्मर के माध्यम से 25केवी एसी की ऊर्जा को ओवर हेड ट्रेनों के ऊपर लगे बिजली के तार तक पहुंचाएगा.

रेलवे (Railway)का दावा है कि दुनिया के इतिहास में यह पहली बार है जब सौर ऊर्जा का इस्तेमाल ट्रेनों को चलाने के लिए किया जाएगा. इस पावर प्लांट की खास बात यह है .

यहां से 25 हजार वोल्ट की बिजली पैदा होगी जिसे डायरेक्ट रेलवे (Railway)के ओवरहेड पर ट्रांसफर किया जाएगा और इसकी मदद से ट्रेनों को दौड़ाया जाएगा.

मध्य प्रदेश के बीना में रेलवे (Railway)की खाली पड़ी जमीन पर बीएचईएल के सहयोग से 1.7 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पॉवर प्लांट को तैयार किया गया है.

पूरी दुनिया में ऐसा पावर प्लांट नहीं लगा है, जिससे ट्रेन को चलाया जा सके. दुनिया के अन्य रेलवे (Railway)नेटवर्क, सौर ऊर्जा का उपयोग मुख्य रूप से स्टेशनों, आवासीय कॉलोनियों और दफ्तरों की बिजली की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करते हैं.

इंडियन रेलवे (Railway)के ट्रैक पर अब सोलर पावर की बिजली से ट्रेनें दौड़ेंगीं. भारतीय रेलवे (Railway)ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है. दरअसल, रेलवे (Railway)ने अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश के बीना में सोलर पावर प्लांट को स्थापित किया है जिससे 1.7 मेगा वाट की बिजली का उत्पादन हो सकता है और इस बिजली से ट्रेनों को दौड़ाने की तैयारी है.