गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओ को रोज़ 15 मिनट करनी चाहिये यह एक्सरसाइज

गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना खुद होने वाली माँ और बच्चे ,दोनों के स्वास्थ के लिए अत्यंत आवश्यक है | व्यायाम से ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप), gestational diabetes (गर्भावस्था का मधुमेह) और cesarean operation (सिज़ेरियन ऑपरेशन) की सभावना काम हो जाती है। फ़िज़ियोथेरेपिस्टस के अनुसार गर्भावस्था में व्यायाम औरत की पहले की फिटनेस पर निर्भर करता है। अगर एक्सरसाइज की आदत नहीं है तो इसे 15 मिनट से शुरू करके धीरे धीरे बढ़ाना चाहिए और इसकी समय सीमा एक घंटे से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए |

आज इस लेख में हम आपको ऐसे कुछ व्यायामों के बारें में बताएंगे जिन्हें आसानी से घर पर ही किया जा सकता है |

1 ) डीप ब्रीदिंग – जमीन पर रिलैक्स होकर सीधे बैठें और लंबी-गहरी सांस लें, नाक से सांस भीतर भरें और 3-5 सेकंड तक इसे होल्ड करें। मुंह के जरिये सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 8 से 10 बार तक रिपीट करें, इसके बाद ही कोई व्यायाम शुरू करें। जब भी कभी बेचैनी ,थकान या घबराहट महसूस हो, इसी पैटर्न को दोहराएं।

2 ) स्ट्रेचिंग – सीधे खड़े हो जाये और सांस को अंदर भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें , कुछ सेकण्ड्स के लिए रुके और फिर हाथों को वापस नीचे लाते हुए सांस बाहर की तरफ छोड़े | इस पैटर्न को आठ से दस बार रिपीट करें |

3 ) चेस्ट वॉल स्ट्रेचिंग – इस एक्सरसाइज को ठीक उसी प्रकार किया जाता है जैसे ज़मीन पर पुश-अप्स किये जाते है | इस एक्सरसाइज को करने के लिए कसी चौड़ी दीवार या दरवाज़े के सामने खड़े हो जाएँ और दोनों हथेलियां दीवार पर टिका लें | अब शरीर को दीवार की तरफ पुश करें , उसके बाद कोहनियों को भी दीवार पर टिकाएं और शरीर का ऊपरी भाग दीवार के बिलकुल पास पहुंचाने की कोशिश करें | इस पैटर्न को आठ से दस बार रिपीट करें |

4 ) लेग स्ट्रेचिंग – पीठ के बल लेट जाएँ और दाएं पैर को ऊपर की तरफ 45 डिग्री का एंगल बनाते हुए ले जाएं, पीठ या कमर ऊपर की और नहीं उठनी चाहिए , अब बायें पैर को भी ऊपर की ओर ले जाएं, और कुछ देर तक होल्ड करें। ध्यान रहे पैरों को ऊपर की और ले जाते हुए पेट पर बिलकुल भी दबाव नहीं पड़ना चाहिए | इस एक्सरसाइज को चार से पांच बार रिपीट करें |