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तिरुपति मंदिर भगदड़ मामले में पुलिस ने दर्ज की दो अलग-अलग एफआईआर; चौतरफा घिरी चंद्रबाबू नायडू सरकार

तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर भगदड़ मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। आठ जनवरी को वैकुंठ एकादशी दर्शन के दौरान मंदिर में भगदड़ मच गई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 घायल हो गए। इस घटना के बाद चंद्रबाबू नायडू की सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष ने इसे प्रशासनिक विफलता बताया।

पहली एफआईआर में एक महिला का नाम शामिल
पहले मामले में तमिलनाडु के मेट्टूर सलेम जिले के निवासी 50 वर्षीय आर मल्लिगा शामिल है जो विष्णुनिवासम में दर्शन टोकन के लिए कतार में गिर गई। बलैयापल्ली मंडल के एक तहसीलदार पी. श्रीनिवासुलु ने एक शिकायत दर्ज कराई , जिसमें उन्होंने बताया कि मल्लिगा भक्तों की भीड़ के बीच बेहोश हो गई थी। उसे श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी जनरल अस्पताल (एसवीआरआरजीजी) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना का कारण भीड़भाड़ और पीड़िता के स्वास्थ्य को बताया जा रहा है। घटना की जानकारी पाकर मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे। शिकायतकर्ता श्रीनिवासुलु ने अपनी शिकायत में कहा, जब अन्य श्रद्धालु कतार की तरफ दौड़े तभी पीड़िता की तबीयत खराब होने लगी थी।

दूसरी एफआईआर में पांच भक्तों का नाम शामिल
दूसरी एफआईआर, नारायणवनम मंडल के 61 वर्षीय तहसीलदार एम. जयारामुलु द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें पांच अन्य भक्तों की मौत की जानकारी दी गई है। पीड़ितों में कांदिपिलि सांथी, गुडला रजनी, बोड्डेती नायडू बाबू, सूरी सेट्टी लावण्या स्वाथी और निर्मला का नाम शामिल है। शिकायत के अनुसार, पीड़ित रामानायडू स्कूल के पासपद्मावति पार्क में दर्शन टोकन का इंतजार कर रहे थे। कतार में अचानक धक्कामुक्की के कारण वे गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस घटना को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेता चंद्रबाबू नायडू सरकार की आलोचना कर रहे हैं। टीटीडी अध्यक्ष भूमा करुणाकर ने मंदिर में भगदड़ की घटना को लेकर गठबंधन सरकार की आलोचना की। उन्होंने इसे प्रशासनिक विफलता बताया। इस हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति दुख व्यक्त किया। भूमा करुणाकर ने वैकुंठ एकादशी दर्शन के लिए उचित व्यवस्था पर सवाल उठाया।

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