निमोनिया के कारण हर वर्ष करीब इतने लाख बच्चों की होती है मृत्यु

33 वर्ष के नील हॉलीवुड आयरलैंड के बेलफास्ट में हॉलीवुड फिटनेस सेंटर चलाते हैं. नील खुद भी वर्जिश करते हैं व मजबूत बॉडी बनाई है. पिछले कुछ दिनों से सर्दी जुकाम था जिसे उन्होंने नजरअंदाज किया व कार्य में लगे रहे. एक दिन आकस्मित हालत बिगड़ी तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उन्हें निमोनिया हुआ था. अब नील पूरी संसार को सलाह दे रहे हैं कि ठंड के मौसम में सर्दी जुकाम या बुखार को हल्के में न लें. यानी निमोनिया किसी को भी अपना शिकार बना सकता है. हिंदुस्तान में यह बीमारी कितनी खतरनाक है, अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां निमोनिया के कारण हर वर्ष 1.5 लाख बच्चों की मृत्यु होती है.

के डाक्टर अजय मोहन के अनुसार, निमोनिया एक इन्फेक्शन है जिसके कारण फेफड़ों में द्रव या मवाद जमा हो जाता है. इससे नाक से पानी बहना प्रारम्भ हो जाता है, लगातार खांसी बनी रहती है, बुखार रहता है, ठंड लगती है व सांस लेने में तकलीफ होती है. यह छोटे बच्चों व 65 साल से अधिक आयु वालों को निशाना बनाता है. यह उन युवाओं को भी शिकार बनाता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. कई प्रकार के जिवाणु निमोनिया के लिए जिम्मेदार होते हैं. जाँच के बाद ही इनका पता लगाया जा सकता है.

द सीएसआर जर्नल के अनुसार, ‘भारत में 5 साल से कम आयु के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण निमोनिया है. संसार में निमोनिया के सबसे ज्यादा मरीज हिंदुस्तान में हैं. हर वर्ष 30 मिलियन नए मामलों के साथ लगभग 1.5 लाख बच्चे निमोनिया के कारण अपनी जान गंवाते हैं.’

निमोनिया के अन्य लक्षण

डाक्टर अजय मोहन के अनुसार, निमोनिया के अन्य लक्षणों में शामिल हैं – बलगम वाली खांसी, कभी-कभी खांसी में खून आना, सीने में दर्द, सांस तेज चलना, बेचैनी, भूख नहीं लगना, ब्लड प्रेशर घटना व उल्टी आना.