25 हजार नए पद सृजित कर भरने की योजना, पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सीएम ने कीं 10 बड़ी घोषणाएं
बैजनाथ : हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह शनिवार को बैजनाथ में मनाया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सुबह 11:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराया और और पुलिस, होमगार्ड, आईआरबी बस्सी, आईआरबी सकोह, एसएसबी सपरी, जिला पुलिस कांगड़ा, यातायात पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स एंड गाइड्स और पुलिस बैंड की टुकड़ियों की सलामी ली। परेड कमांडर आईपीएस (प्रोबेशनर) रविनंदन के नेतृत्व में शानदार मार्च पास्ट प्रस्तुत किया गया। इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित किया और कई बड़ी घोषणाएं कीं। सीएम ने 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस की शुभकामनाएं देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. वाईएस परमार के अपार योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री ने चढ़ियार उप तहसील को तहसील बनाने, चढ़ियार में लोक निर्माण विभाग का नया उप मंडल खोलने तथा डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने विस्तृत योजना के साथ तत्त्वानी के गर्म पानी के झरनों तथा खीर गंगा घाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की। इसके अतिरिक्त पपरोला-बैजनाथ बाईपास मार्ग पर संसाली-भटवाली में बिनवा नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी स्टेडियम बैजनाथ के सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन तथा संसाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की घोषणा की। उन्होंने बैजनाथ ग्राम पंचायत के महलपत गांव में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने तथा बैजनाथ राजकीय महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान तथा समाजशास्त्र में एमए पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की।
ये घोषणाएं भी कीं
पुलिस चौकी मुलथान की आठ पंचायतें, जिनमें बड़ाग्रां, कोठीकोहर, धरान, मुलथान, लुवाई, पोलिंग, स्वार्ड और बड़ा भंगाल शामिल हैं, अब पुलिस स्टेशन बाड़ी के अधिकार क्षेत्र में आएंगी, जिससे 35 गांवों के 7500 लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने चरवाहों के लिए चरागाह भूमि के विकास और वन अधिकार अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के संरक्षण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार पारंपरिक मार्गों में विकासात्मक परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान करेगी, पर्यावरण अनुकूल भेड़ और बकरी पालन को बढ़ावा देगी और ऊन संघ और ऊन बोर्ड को मजबूत करेगी। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए चार फीसदी महंगाई भत्ते की घोषणा नहीं हुई। इससे कर्मियों को निराशा ही हाथ लगी है।