चाइना में जनसंख्या बढानें के लिए लोगो ने किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

बीबीसी ने NBS के हवाले से बोला कि 2019 में जन्म दर प्रति हजार पर 10.48 प्रतिशत रही. इसमें यह भी बोला गया कि 2019 में एक करोड़ 46 लाख 50 हजार बच्चों का जन्म हुआ. देश की जन्म दर वर्षों से गिर रही है, जो संसार की दूसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के समक्ष एक चुनौती है.

 

अमरीका के शिक्षाविद यी फुक्सियान ने को बताया कि भले ही चाइना ने एक बच्चा की नीति समाप्त कर दी है लेकिन जनता का विचार बदला है व लोग अब छोटा परिवार चाहते हैं. उन्होंने बोला कि जीवनयापन के लिए बढ़ती लागत भी एक कारक है. उन्होंने बोला कि बच्चों की देखभाल महंगी है व चाइना में यह सुविधाजनक नहीं है.

आपको बता दें कि जनसंख्या के मुद्दे में चाइना संसार में पहले पायदान पर है, जबकि हिंदुस्तान दूसरे जगह पर है. एनबीएस ने बोला कि जन्म दर गिरने के बावजूद चाइना में मौत दर के कम होने से जनसंख्या 2019 में 1.4 अरब हो गई, जो पहले 1.39 अरब थी. 1979 में चाइना सरकार ने राष्ट्रव्यापी रूप से ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ प्रारम्भ की है. ऐसा जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए किया गया.

बीबीसी ने बोला कि नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवारों को जुर्माना, रोजगार से हाथ धोना पड़ता था व कभी-कभी गर्भपात के लिए विवश होना पड़ता था. लेकिन इस नीति को लिंग(जेंडर) असंतुलन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. 2019 के आंकड़ों के अनुसार पुरुष, स्त्रियों से तीन करोड़ से ज्यादा संख्या में हैं.

गौरतलब है कि सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए एक परिवार एक बच्चा की नीति लागू की थी. कई वर्षों तक यह नीति लागू रही. परिणाम यह रहा कि चाइना में एक निर्धारित आयुवर्ग के लोगों (बुजुर्गों) की संख्या अधिक हो गई. इसके कारण चाइना को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जनसंख्या ( Population ) के मुद्दे में सारे दुनिया में पहला जगह रखने वाले चाइना ( China ) में 1949 के बाद पहली बार सबसे कम जन्म दर ( Birth Rate ) रिकॉर्ड किया गया.

70 वर्ष पहले पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ( People’s Republic of China ) के गठन के बाद से चाइना में अब (2019) जन्म दर सबसे कम हो गई है.

चीन में यह रिकॉर्ड तब दर्ज हुआ है, जब एक बच्चा नीति में सरकार ने थोड़ी ढील दी है. चाइना के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ( NBS ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.