पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने दी ये बड़ी धमकी, कहा – अगर जरा भी…

साल 1989 में राजकुमार यादव और उमाकांत यादव पप्पू यादव के करीबी सहयोगी थे, लेकिन एक लड़की की शादी को लेकर उनके बीच विवाद पैदा हो गया.

राजकुमार यादव के चचेरे भाई शैलेंद्र यादव ने मधेपुरा के मुरलीगंज थाने में 29 जनवरी 1989 को राजकुमार यादव और उमाकांत यादव के अपहरण के आरोप में पप्पू यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी . अब, राजकुमार यादव ने खुलासा किया, मैं और उमाकांत पप्पू यादव के वाहन में बैठे थे.

कुछ घंटों के बाद, हम पप्पू यादव के घर से निकले और मधेपुरा पहुँचे. हमें शुरू में लगा कि हमारा अपहरण हो गया लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था. मामला भ्रम में दर्ज किया गया था और मधेपुरा पुलिस ने उस मामले में अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. ”

उन्होंने कहा मुझे राजीव प्रताप रूडी का नाम लेते हुए शर्म आ रही है. बिहार में उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है. वह कौशल विकास मंत्री कैसे बने और नरेंद्र मोदी सरकार से उन्हें क्यों बर्खास्त किया गया. वह केवल एक पैरवीकार के अलावा कुछ नहीं हैं.

भाजपा सासंद ने बदला लेने के लिए पप्पू यादव को जेल भेजने के लिए अपनी लॉबी का इस्तेमाल किया.” रंजीत रंजन ने कहा, मेरे पति ने बिहार के आम लोगों के हित में रूडी को बेनकाब किया .

रूडी अपनी निजी संपत्ति की तरह सांसद निधि से तीन दर्जन से अधिक एंबुलेंस अपने पास रख रहे थे. राज्य सरकार ने रूडी के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय मेरे पति को गिरफ्तार किया. ”

पप्पू यादव दो लोगों के अपहरण के 32 साल पुराने मामले में जेल में बंद है. अब, राजकुमार यादव नाम के एक अपहृत व्यक्ति ने मीडिया के सामने आकर कहा कि यह एक भ्रम का मामला था.