‘पहलगाम हमला याद दिलाता है कि आतंकवाद वैश्विक खतरा’, उपराष्ट्रपति धनखड़ का बयान

चेन्नई: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि पहलगाम आतंकी हमला इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद वैश्विक खतरा है, जिसका समाधान मानवता को एकजुट होकर करना होगा। उन्होंने लोगों से राजनीतिक, व्यक्तिगत और अन्य हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने की अपील की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश है और इसकी सभ्यता की भावना ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (दुनिया को एक परिवार के रूप में देखने का सिद्धांत) में परिलक्षित होती है, पूरी दुनिया अब इसे मान रही है।
उपराष्ट्रपति ने आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में रखा मौन
उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु के राजभवन में आयोजित राज्य, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों के दो दिवसीय कुलपति सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा, ‘हमने इस सम्मेलन के आरंभ में मौन रखा। मैं पहलगाम में हुए जघन्य हमले पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करने में राष्ट्र के साथ हूं, जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई।’ तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और कुलपतियों ने भी 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा।
पहलगाम हमला खुफिया विफलता
पूर्व आर्मी चीफ शंकर रॉय चौधरी ने पहलगाम की घटना को खुफिया विफलता करार दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका है। रिटायर्ड जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा कि ‘इतनी संख्या में आतंकवादी सीमापार कैसे आ गए, इसकी जांच होनी चाहिए।’ बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी। घटना में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ का हाथ बताया जा रहा है। भारत सरकार ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है और पाकिस्तान के साथ साल 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। साथ ही पाकिस्तान के उच्चायुक्त को एक हफ्ते में देश छोड़ने का निर्देश दिया है।